kanker: विकास के दावे के बीच ठेकेदार सरकार को लगा रहा पलीता, नक्सल क्षेत्र में सड़क बनाने को लेकर हो रही धांधली

Kanker: कांकेर ज़िला मुख्यालय से 40 किमी दूर आमाबेड़ा क्षेत्र अंतर्गत चंगोड़ी से नागरबेडा होते हुए आमाबेड़ा उप तहसील तक जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से 10 किमी डामर का सड़क निर्माण किया गया है. 10 किमी सड़क निर्माण के दूसरे ही दिन 2 किमी की सड़क उखड़ गई.
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बनने के दो दिन बाद उखड़ी सड़क

CG News: नक्सलवाद की समाप्ति और विकास का सरकार का संकल्प है, ताकि अंदरूनी इलाको में सड़क, बिजली, पानी, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सहित योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके, लेकिन विकास के नाम पर ठेकेदार सरकार को पलीता लगाने में लगे है. पहली बार ग्रामीणों को मिल रही डामर की पक्की सड़क पर इस कदर भ्रष्टाचार किया जा रहा कि ग्रामीणों के साथ अधिकारी को भी यह ना गवार गुजरा, फिर क्या सड़क ही उखड़वा डाली. अब तक विकास के नाम पर बनती सड़क की तस्वीरें सामने आती थी, लेकिन पहली बार नक्सल प्रभावित इलाके से भ्रष्टाचार की तस्वीरें सामने आ रही है.

कांकेर में सड़क निर्माण में हुआ भ्रष्टाचार

दरअसल कांकेर ज़िला मुख्यालय से 40 किमी दूर आमाबेड़ा क्षेत्र अंतर्गत चंगोड़ी से नागरबेडा होते हुए आमाबेड़ा उप तहसील तक जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से 10 किमी डामर का सड़क निर्माण किया गया है. 10 किमी सड़क निर्माण के दूसरे ही दिन 2 किमी की सड़क उखड़ गई. ठेकेदार ने घटिया सड़क ऐसा बनाया कि सड़क खुद ही गवाही देने लगा है. सड़क एक दिन टिक नही पाया. ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया. अधिकारियों तक बात पहुंची फिर क्या था. प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारी ने तत्काल ठेकेदार को नोटिस जारी किया. ठेकेदार का पेमेंट रुकवा दिया गया और सड़क उखाड़ कर नए सिरे से फिर से सड़क बनाने का आदेश जारी कर दिया.

बनेने के दो दिन बाद ही उखड़ गई सड़क

विस्तार न्यूज के सहयोगी उस सड़क को दिखा रहे है जहां आस-पास के महिलाएं ठेकेदार से मजदूरी लेकर सप्ताह भर बने सड़क के 2 किमी के हिस्से को उखाड़ रही है. वही ग्रामीण कहते है सड़क बनने के दूसरे दिन ही सड़क उखड़ गए था. डामर के नाम पर काला ऑयल और गिट्टी के बजरी को ठेकेदार ने बिछा दिया था. आगे भी सड़क उखड़ ही रहा है.

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आजादी के बाद पहली बार देखी सड़क

ये सड़क कितना महत्व रखता है ये बताते है. आजादी के 76 साल बाद 25 से अधिक गांव के लोगों ने डामर की पक्की सड़क देखी है, क्योकि ये वही लाल गढ़ था जहां नक्सली पनाह लिए हुए थे. नक्सलियों के कुएमारी एरिया कमेटी का सुरक्षित स्थान था..आए दिन नक्सली इस क्षेत्र में मुखबिरी के नाम पर ग्रामीणों को मारते थे. जवानों को नुकसान पहुंचाने आईईडी प्लांट करते थे. इसी कारण इस क्षेत्र में विकास रुका हुआ था. अब जब नक्सलवाद पर ताबड़तोड़ प्रहार हुआ तो नक्सली यहां से भाग खड़े हुए. फिर बारी आई. विकास कि सड़क बनाने कि..गांव वालों को एक उम्मीद थी पक्की डामर सड़क मिलेगा, लेकिन ठेकेदार ने घटिया सड़क बना के सारे उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

कांकेर जिले के प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारी डिकेश कुमार कोमा ने पूरे मामले को लेकर कहते है..नागरबेडा चंगोड़ी में सड़क बनाने की अनिमियता पाई गई है..मैने खुद जाकर जांच किया है.ठेकेदार को नोटिस दिया गया है..और सड़क फिर से उखाड़ कर बनाने का आदेश दिया गया है. अंदुरुनी क्षेत्रों में बन रही सड़को में ठेकेदार लापरवाही करते है हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है.

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