एमपी में भाजपा की ‘सोशल इंजीनियरिंग’, हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ साधा जातीय समीकरण

मध्य प्रदेश में भाजपा ने लंबे समय से सत्ता और संगठन में जो संतुलन बनाए रखा है, उसे कायम रहने की कोशिश इस बार के चुनाव में भी दिखाई दे रही है.
Hemant Khandelwal

एमपी के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल

MP BJP State President: हेमंत खंडेलवाल (Hemant Khandelwal) मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. एक जुलाई को नामांकन दाखिल करने वाले हेमंत खंडेलवाल इकलौते नेता थे, जिसके बाद तय हो गया था कि वही एमपी बीजेपी की कमान संभालेंगे. वहीं आज इसका औपचारिक ऐलान भी हो गया. निर्विरोध चुने गए हेमंत खंडेलवाल अब वीडी शर्मा की जगह लेंगे. हेमंत खंडेलवाल के नाम का समर्थन सीएम मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव, और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत तमाम नेताओं ने किया. खास बात रही कि सीएम मोहन यादव नए अध्यक्ष के प्रस्तावक बने.

सोशल इंजीनियरिंग की झलक

हेमंत खंडेलवाल के जरिए बीजेपी ने अनुभवी और संगठन-प्रिय नेता चुनने के साथ ही क्षेत्रीय, सामाजिक और जातीय समीकरण को साधने की कोशिश भी की है. हेमंत खंडेलवाल को मध्य प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष चुनने के पीछे सोशल इंजीनियरिंग की झलक भी दिखाई देगी. मध्य प्रदेश में भाजपा ने लंबे समय से सत्ता और संगठन में जो संतुलन बनाए रखा है, उसे कायम रहने की कोशिश इस बार के चुनाव में भी दिखाई दे रही है.

मध्य क्षेत्र से आने वाले दूसरे बड़े नेता

हेमंत खंडेलवाल शिवराज सिंह चौहान के बाद मध्य क्षेत्र से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं. वे संगठन की परख और परिपक्वता का भी एक उदाहरण हैं और संगठन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं. कभी प्रदेश कोषाध्यक्ष, कभी कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के प्रमुख, तो कभी संघ के प्रकल्पों से सीधे जुड़े रहने वाले खंडेलवाल अब एमपी बीजेपी की कमान संभालेंगे.

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मुख्यमंत्री (ओबीसी)

लंबे समय से प्रदेश का मुखिया ओबीसी वर्ग से ही रहा है. वर्तमान सीएम मोहन यादव भी इसी वर्ग से आते हैं. मोहन यादव कैबिनेट में भी ओबीसी वर्ग के आधा दर्जन से अधिक मंत्री शामिल हैं. पूर्व सीएम शिवराज सिंह ओबीसी के अंतर्गत किरार जाति से आते हैं.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष (वैश्य)

हेमंत खंडेलवाल वैश्य समाज से आते हैं और मध्य क्षेत्र के बड़े चेहरे हैं. इस समाज के बड़े स्तर पर प्रतिनिधित्व की बात करें तो कैलाश विजयवर्गीय और चेतन कश्यप भी इसी वर्ग से आते हैं, जो मोहन यादव कैबिनेट में शामिल हैं. हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सीएम मोहन यादव से लेकर शिवराज और पार्टी के तमाम दिग्गजों की सहमति थी.

विधानसभा अध्यक्ष (क्षत्रिय)

अगर प्रदेश अध्यक्ष पद की बात करें तो 2003 के बाद से क्षत्रिय वर्ग से आने वाले नेता ही प्रदेश अध्यक्ष बने हैं. 2003 के बाद से लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष बनने की जिम्मेदारी एमपी बीजेपी के क्षत्रिय वर्ग से आने वाले नेताओं को ही मिली है. नरेंद्र सिंह तोमर, नंदकुमार सिंह चौहान और राकेश सिंह इस लिस्ट में रहे हैं. वर्तमान में क्षत्रिय वर्ग से चार चेहरे मोहन कैबिनेट का हिस्सा हैं, जिनमें राकेश सिंह के अलावा, उदय प्रताप सिंह, गोविंद सिंह राजपूत और प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हैं. इस वक्त विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर हैं जो क्षत्रिय वर्ग से ही आते हैं.

डिप्टी सीएम (ब्राह्मण)

एमपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से ही आते हैं. वीडी शर्मा की जगह ही अब हेमंत खंडेलवाल प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला भी ब्राह्मण वर्ग से आते हैं. मोहन कैबिनेट में ब्राह्मणों की भागीदारी कम रही है. राजेंद्र शुक्ला के अलावा राकेश शुक्ला मोहन कैबिनेट में शामिल हैं.

डिप्टी सीएम (अनुसूचित जाति)- जगदीश देवड़ा

अनुसूचित जाति से आने वाले जगदीश देवड़ा एमपी के डिप्टी सीएम हैं. मोहन कैबिनेट में भी इनकी भागीदारी अच्छी है. मोहन कैबिनेट में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से चार मंत्री भी हैं. इस तरह से देखा जाए तो, पार्टी ने सरकार और संगठन में जातीय संतुलन बनाए रखने पर ज्यादा जोर दिया है.

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