MP News: मध्य प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने की कवायद! निकायों में नियुक्त किए जाएंगे 2000 एल्डरमैन

MP News: जिस नगर निगम सीमा की जनसंख्या दस लाख से ज्यादा है, वहां 12-12 एल्डरमैन की नियुक्ति की जाएगी. इसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर शामिल रहेंगे
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MP News: मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों में दो हजार के लगभग एल्डरमैन (मनोनीत पार्षदों) की नियुक्ति की कवायद तेज हो गई है. इसमें भाजपा अपने संगठन से जुड़े और सक्रिय कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने की तैयारी में हैं. एल्डरमैन की नियुक्ति में क्षेत्र के विधायक की भी पसंद को महत्व दिया जाएगा. वहीं जिला अध्यक्षों की ओर से आए नामों को भी इसमें एडजस्ट किया जाएगा. एल्डरमैन की नियुक्ति अगस्त में होने की संभावनाएं हैं. वहीं नोटरी में भी संगठन के कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जाएगा.

विधायकों से मांगे गए दो-दो नाम

सूत्रों की मानी जाए तो सरकार और संगठन ने यह तय कर लिया है कि जल्द ही वह पार्टी कार्यकर्ताओं को एडजस्ट कर उन्हें नगरीय निकाय में हिस्सेदार बनाएगी. इसके लिए कुछ नगर निगम क्षेत्र के विधायकों से दो-दो नाम मांगे गए हैं, जबकि बाकी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों विधायकों से एक-एक नाम मांगा गया है. यह नाम उन्हें जिला अध्यक्ष को देना हैं. इनमें से कुछ नाम प्रदेश संगठन को दे दिए गए हैं.

कहां कितने मनोनीत होना है पार्षद?

जिस नगर निगम सीमा की जनसंख्या दस लाख से ज्यादा है, वहां 12-12 एल्डरमैन की नियुक्ति की जाएगी. इसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर शामिल रहेंगे. वहीं उज्जैन, छिंदवाड़ा, मुरैना, खंडवा, बुरहानपुर, कटनी, रतलाम, देवास, सागर, रीवा, सतना और सिंगरौली नगर निगम में दस-दस एल्डरमैन की नियुक्ति की जाएगी. नगर पालिकाओं में 4-4 और नगर परिषदों में 2-2 एल्डरमैन की नियुक्ति की जाना है.

इन नगर निगमों में पदस्थ होंगे एल्डरमैन

इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, मुरैना, खंडवा, बुरहानपुर, कटनी, रतलाम, देवास, सागर, रीवा, सतना और सिंगरौली नगर निगम हैं. प्रदेश में 99 नगर पालिका हैं और 298 नगर परिषद हैं. इन सभी में एक हजार 930 एल्डरमैन की नियुक्ति की जाना है.

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साफ-सुथरी छवि वालों को मिलेगी वरीयता

बताया जाता है कि प्रदेश भाजपा ने ऐसे कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने का तय किया है, जो पार्टी के लिए समर्पित और निष्ठावान हैं, लेकिन उन्हें अब तक पद नहीं मिला है. ऐसे कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा इसमें एडजस्ट किया जाएगा. पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि अच्छा काम करने वालों की चिंता पार्टी करती है और उन्हें आगे बढ़ाया जाता है.

इसमें यह भी ध्यान रखा जाएगा कि जिसका नाम दिया गया है, उसकी छवि साफ-सुथरी हो और विवादों में उसका नाम नहीं रहा हो. इनके अलावा सांसदों और क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं से भी कुछ नाम लिए जाएंगे. इन सभी को अपने पंसद के नाम जिला अध्यक्ष को ही देना होंगे. जिला अध्यक्ष के जरिए ही प्रदेश संगठन तक ये नाम आएंगे.

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