‘MP में विभागों को बजट के ब्याज का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं’, वित्त विभाग का आदेश- सरकारी खजाने में जमा होगी राशि
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MP News: मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन और मध्य प्रदेश भवन विकास निगम जैसे संस्थान अब राज्य में होने वाले विकास कार्य के लिए मिलने वाली राशि के बैंक खातों में जमा ब्याज का उपयोग नहीं कर सकेंगे. उन्हें ब्याज की राशि सरकार के खजाने में जमा करनी होगी. वित्त विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी विभागों के विभागाध्यक्ष, सार्वजनिक उपक्रम के प्रबंध संचालक और सभी कमिश्नर और कलेक्टर को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है.
ब्याज को राज्य की संचित निधि में जमा करना होगा
वित्त विभाग में केंद्र परिवर्तित योजनाओं में और केंद्र क्षेत्रीय योजनाओं के लिए नामांकन स्टेट नोडल एजेंसी के खोले गए खाते में बैंक की राशि और अर्जित ब्याज की राशि के लिए कार्रवाई की प्रक्रिया निर्धारित की है. वित्त विभाग ने कहा है कि ऐसी राशि जिन्हें राज्य की संचित निधि से निकलकर अनुमति प्राप्त बैंक खातों में अंतरिम रूप से रखा जाता है. उनका हितग्राही, एजेंसी को अंतिम भुगतान कम से कम समय में करने के लिए वित्त विभाग ने निर्देश दिए हैं. इस प्रकार अंतरिम रूप से बैंक खातों में जमा राशि पर प्राप्त ब्याज को राज्य की संचित निधि में जमा करना होगा.
ब्याज राशि समीक्षा के भी दिए निर्देश
वित्त विभाग में विभागीय एवं विभाग के अधीनस्थ संस्थाओं के बैंक हाथों में राज्य की संचित निधि से ट्रांसफर राशि पर जमा ब्याज राशि की समीक्षा करने और अर्जित ब्याज को राज्य शासन की प्राप्तियां में जमा किए जाने के संबंध में निर्देश दिए हैं. इस वित्तीय वर्ष और आगामी वित्तीय वर्ष में जो कार्रवाई की जानी है उसके संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं.
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सितंबर तक जमा होगी ट्रेजरी में राशि
राज्य की संचित निधि से ट्रांसफर कर अनुमति प्राप्त बैंक खातों में अंतरिम रूप से रखी गई राशि 31 मार्च 2025 तक अर्जित विवाह की संपूर्ण राशि को सितंबर 2025 तक साइबर कोषालय के माध्यम से ब्रांच प्राप्तियां और विधिवत प्राप्तियां में जमा करना होगा. यह प्रक्रिया आगामी व्यक्ति वर्ष में निरंतर रखी जाएगी. हर वित्तीय वर्ष के अंत तक अर्जित ब्याज की संपूर्ण राशि आगामी व्यक्ति वर्ष के जुलाई माह तक राज्य की संचित निधि में जमा करना होगा. 31 मार्च 2026 तक अर्जित ब्याज 31 जुलाई 2026 तक जमा करना होगा. निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर गंभीर अनीता की श्रेणी में रखते हुए उत्तरदाई सरक कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी.