सब्जी या साज़िश…क्या राहु-केतु की संतान हैं लहसुन-प्याज? ये है असली कहानी

Onion and Garlic in Vrat: हिंदू ज्योतिष में राहु और केतु को रहस्यमयी और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. इन्हें छाया ग्रह भी कहते हैं, जो मनुष्य के मन में भ्रम, मोह और इच्छाओं को बढ़ाते हैं. ज्योतिषियों का मानना है कि प्याज और लहसुन खाने से ये तामसिक गुण और बढ़ जाते हैं, जो साधना और ध्यान में बाधा डाल सकते हैं.
Onion Garlic Mythology

प्याज लहसुन की कहानी

Onion Garlic Mythology: क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी रसोई में रखा लहसुन और प्याज सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि उनके पीछे ज्योतिषीय रहस्य भी छिपा है? जिस, लहसुन और प्याज को हम रोज़मर्रा के खाने में इस्तेमाल करते हैं, हिंदू धर्म और ज्योतिष में राहु-केतु के साथ जोड़े जाते हैं. आइए, लहसुन-प्याज की असली कहानी क्या है विस्तार से जानते हैं…

लहसुन-प्याज का जन्म!

बात उस समय की है जब देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था. मान्यताओं के अनुसार, उस वक्त समुद्र से अमृत निकला, जिसे पीकर अमरत्व हासिल करना हर किसी का सपना था. जब भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण कर देवताओं को अमृत पिला रहे थे, तभी दानवों में से एक ने छल से देवताओं के बीच बैठकर अमृत की कुछ बूंदें पी लीं.

जैसे ही भगवान विष्णु को इसका पता चला, उन्होंने तुरंत अपना सुदर्शन चक्र चलाया और उस राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया. किंवदंती है कि अमृत से मिली शक्ति और राहु-केतु के खून की बूंदों से धरती पर प्याज और लहसुन का जन्म हुआ.

धीरे-धीरे धर्म को जानने वालों ने प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में डाल दिया. इसीलिए इन्हें ‘राहु-केतु की संतान’ कहा जाता है और धार्मिक अनुष्ठानों में इनका उपयोग वर्जित हो गया.

ज्योतिष में क्यों खास हैं प्याज-लहसुन?

हिंदू ज्योतिष में राहु और केतु को रहस्यमयी और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. इन्हें छाया ग्रह भी कहते हैं, जो मनुष्य के मन में भ्रम, मोह और इच्छाओं को बढ़ाते हैं. ज्योतिषियों का मानना है कि प्याज और लहसुन खाने से ये तामसिक गुण और बढ़ जाते हैं, जो साधना और ध्यान में बाधा डाल सकते हैं.

कहा जाता है कि साधना या पूजा के दौरान शांत और सात्विक मन चाहिए. प्याज और लहसुन को खाने से मन चंचल हो सकता है, जिससे ध्यान भटकता है. अगर आपकी कुंडली में राहु या केतु की दशा चल रही है, तो प्याज-लहसुन का सेवन इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को और बढ़ा सकता है.

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धार्मिक अनुष्ठानों में क्यों वर्जित?

हिंदू धर्म में कई पवित्र अवसरों, जैसे नवरात्रि, एकादशी या पूर्णिमा के दिन प्याज और लहसुन खाना मना है. ऐसा क्यों? क्योंकि ये चंद्रमा, गुरु और शुक्र ग्रहों की पूजा में बाधा डाल सकते हैं. मंदिरों में बनने वाले प्रसाद में भी इनका इस्तेमाल नहीं होता, क्योंकि इन्हें अशुद्ध माना जाता है.

आयुर्वेद का नजरिया

दिलचस्प बात यह है कि जहां ज्योतिष और धर्म इन्हें साधना के लिए हानिकारक मानते हैं, वहीं आयुर्वेद में इन्हें औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है.

लहसुन रक्त को शुद्ध करता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है और हृदय रोगों में लाभकारी है. वहीं, प्याज पाचन को बेहतर बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. आयुर्वेद के अनुसार, ये शरीर में काम-वासना और इच्छाओं को बढ़ा सकते हैं, जो ध्यान और एकाग्रता के लिए ठीक नहीं. इसलिए, साधना के दौरान इनका त्याग करना ज़रूरी है.

धर्म, विज्ञान और स्वाद

मान्यताओं के अनुसार, साधना और पूजा के लिए प्याज-लहसुन का त्याग शुद्धता और एकाग्रता के लिए ज़रूरी है. वहीं, वैज्ञानिक दृष्टि की अगर बात की जाए तो ये दोनों सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद हैं. प्याज में एंटीऑक्सीडेंट्स और लहसुन में एलिसिन जैसे तत्व रोगों से लड़ने में मदद करते हैं. तो अगली बार जब आप प्याज काटते हुए आंसू बहाएं या लहसुन की महक से आपकी रसोई भर जाए, तो याद रखें कि ये सिर्फ सब्जियां नहीं, बल्कि राहु-केतु की रहस्यमयी दुनिया का हिस्सा हैं.

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