MP News: दिग्विजय सिंह ने डीजीपी को लिखा पत्र, डायल-112 में लगाए घोटाले के आरोप, बोले- दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

MP News: सीएम मोहन यादव ने 14 अगस्त को हरी झंडी दिखाकर डायल-112 की सौगात दी थी. इसे 15 अगस्त से पूरे राज्य में लागू कर दिया गया. डायल-112 ने पूरी तरह डायल-100 की जगह ले ली है. डायल-112 के लिए 1200 गाड़ियां उपलब्ध रहेंगी
Madhya Pradesh Dial 112 service, Digvijay Singh wrote a letter to DGP Kailash Makwana alleging corruption

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने डीजीपी कैलाश मकवाना को लिखा पत्र

MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना को पत्र लिखकर डायल-112 सेवा में घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि निविदा शर्तों में अनियमितता हुई है. इसके साथ ही उन्होंने टेंडर की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठाए हैं. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए भी कहा है.

‘पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाये’

पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि मुझे अवगत कराया गया है कि मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग के अंतर्गत डायल-112 फेस-2 की निविदा की शर्तों में अनियमितताएं करते हुए घोटाला किया गया है. उक्त निविदा की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाये जा रहे है.

उन्होंने ये भी लिखा कि मेरा आपसे (DGP) अनुरोध है कि कुछ नागरिक संगठनों द्वारा अपनी शिकायत के साथ मुझे सौंपे गये, दस्तावेजों के आधार पर डायल 112 फेस-2 की निविदाओं की जांच कराते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने का कष्ट करें.

14 अगस्त को मिली थी डायल 112 की सौगात

सीएम मोहन यादव ने 14 अगस्त को हरी झंडी दिखाकर डायल-112 की सौगात दी थी. इसे 15 अगस्त से पूरे राज्य में लागू कर दिया गया. डायल-112 ने पूरी तरह डायल-100 की जगह ले ली है. डायल-112 के लिए 1200 गाड़ियां उपलब्ध रहेंगी. इन गाड़ियों में जीपीएस, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन और लोकेशन ट्रेकिंग सुविधाएं रहेंगी.

एक ही नंबर पर मिलेंगी कई सुविधाएं

पुलिस (100), एंबुलेंस (108), फायर ब्रिगेड (101), वुमन हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139) जैसी सेवाओं का लाभ डायल-112 पर कॉल करके उठा सकेंगे. इस तरह की सुविधा हरियाणा और राजस्थान में पहले ही लागू हो चुकी है. पुलिस का दावा है कि इससे रिस्पॉन्स टाइम घट जाएगा.

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2010 में शुरू हुई थी डायल-100 सेवा

डायल-100 की सेवा 1 नवंबर 2015 को शुरू हुई थी. ये भारत की पहली सेंट्रलाइज्ड, स्टेट लेवल, पुलिस इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम था. सेंट्रल कमांड और कंट्रोल सेंटर से संचालित इस सर्विस का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में त्वरित पुलिस सहायता प्रदान करना था. ये बिल्कुल टोल-फ्री नंबर था. इस सेवा की शुरुआत यानी 2015 से जून 2025 तक 8.99 करोड़ कॉल प्राप्त हुए. जिनमें से 1.98 करोड़ लोगों तक मदद पहुंचाई गई.

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