एमपी में कांग्रेस के बूथ एजेंट निकले भाजपाई, 3 हजार एजेंट का निकला रिकॉर्ड, 50 हजार बीएलए बदलेंगे

MP News: मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस के 3 हजार बूथ एजेंट भाजपा से जुड़े निकले, कांग्रेस ने 50 हजार से ज्यादा बीएलए बदलने का फैसला लिया है. साथ ही कांग्रेस फर्जी वोटर लिस्ट और स्लीपर सेल की पहचान कर अभियान चला रही है.
Madhya Pradesh Congress

मध्‍य प्रदेश कांग्रेस

MP News: मध्य प्रदेश में संगठन सृजन अभियान के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है. साल 2023 के चुनाव के दौरान बनाए गए बूथ एजेंट में से 3 हजार कांग्रेस के बजाय भाजपा के निकल कर सामने आए हैं. इसके बाद कांग्रेस ने 60 हजार से अधिक बूथों पर वेरिफिकेशन करने के लिए आदेश जारी किया है. 50 हजार से अधिक बीएलए बदलने का निर्णय कांग्रेस संगठन ने लिया है. सर्वे के दौरान कई अहम जानकारियां भी सामने आ रही हैं.

खास तौर पर वोट चोरी के मामले में कांग्रेस वेरिफिकेशन विधानसभा स्तर पर कर रही है. इस दौरान फर्जी वोटर लिस्ट में शामिल लोगों के नाम भी हटाने के लिए प्रशासन को कांग्रेस की तरफ से रिकॉर्ड दिया जाएगा. मध्य प्रदेश में आने वाले समय में चुनाव होने वाले हैं. उससे पहले कांग्रेस पूरे प्रदेश भर में अभियान चलाकर फर्जी कांग्रेस कार्यकर्ता की तलाश कर रही है. जो दिखने में कांग्रेस संगठन से जुड़े हुए हैं लेकिन असल में बीजेपी का काम करते हैं. ऐसे नेता और कार्यकर्ताओं की कांग्रेस तलाश कर रही है. माना जा रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा कांग्रेस का सर्वे होने वाला है.

कार्यकर्ताओं को बताया निराशाजनक और हताश

इधर कांग्रेस के सर्वे के बाद भाजपा भी हमलावर है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कार्यकर्ताओं में निराशाजनक स्थिति बन गई है और वे हताश भी हो गए हैं. फिर भला वह कांग्रेस के कैसे नेता और कार्यकर्ता रहेंगे जबकि भाजपा के मूल कार्यकर्ता हमेशा बूथ पर तैनात रहते हैं. यही कारण है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी लगातार चुनाव जीत रही है. कांग्रेस पूरी तरह से धरातल पर खत्म हो चुकी है. भले ही संगठन सृजन की बात हो रही है लेकिन संगठन में निराशा ही सबसे बड़ा कांग्रेस का कारण है. यही कारण है कि जमीनी स्थिति कांग्रेस की खराब है. यह आने वाले चुनाव में भी कांग्रेस को हार ही दिलाएगी.

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फर्जी वोटर लिस्ट और स्लीपर सेल होंगे बाहर

कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि सर्वे के दौरान फर्जी वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए प्रशासन को सूची दी जाएगी. वहीं कांग्रेस में रहकर भाजपा की मदद करने वाले स्लीपर सेल को भी बाहर किया जाएगा. हमने तय किया है कि आने वाले चुनाव से पहले पूरी तरह से कांग्रेस में केवल मूल कार्यकर्ता ही रहें. इसके लिए लगातार संगठन काम कर रहा है. खास तौर पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विदिशा और रायसेन को चुना गया है. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि लगातार यहां से बीजेपी जीत रही है. कांग्रेस के नेता यहां से कई बार हार चुके हैं. इसलिए बीजेपी के दोनों ही बड़े जिलों से कांग्रेस ने अभियान शुरू किया है.

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