MP News: जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मरीजों को चूहों ने काटा, डीन ने बताया था मामूली, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

MP News: जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मानसिक रोग विभाग के दो मरीजों को चूहों ने कुतर दिया. कलेक्टर ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए.
Jabalpur Medical College

जबलपुर मेडिकल कॉलेज

MP News: इंदौर में दो नवजात शिशुओं को चूहों के कुतरने की घटना लोग अभी भूल भी नहीं पाए थे कि जबलपुर से भी कल चौंकाने वाला मामला सामने आ गया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में भर्ती दो वयस्क मरीजों के पैरों को चूहों ने कुतर दिया. कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने इस घटना को मामूली बताते हुए डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही स्वीकार की थी. लेकिन अब इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. कलेक्‍टर ने कहा है कि यह कमेटी पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी जिसके बाद दोषियों पर जल्‍द ही कार्रवाई की जाएगी.

कंपनी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना

अस्पताल प्रशासन ने सफाई व्यवस्था और पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनी एचएलएल इंफ्राटेक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. ये कार्रवाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ अरविंद शर्मा ने की है. निरीक्षण के दौरान अधीक्षक को वार्डों में गंदगी मिली थी. इसके साथ ही मनोरोग विभाग के पास भी गंदगी पाई गई. चूहों की रोकथाम के लिए रखी जाने वाली गम प्लेट भी केवल एक ही स्थान पर पाई गई और दवाइयां अत्याधिक कम मात्रा में मिलीं.

डीन ने बताया बताया इसे मामूली

जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में चूहों द्वारा मरीजों को काटने का मामला सामने आया है. मानसिक रोग विभाग में भर्ती दो मरीजों के पैरों को चूहों ने कुतर दिया, जिसके बाद परिजनों ने जब अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी तो वहां हड़कंप मच गया और मरीजों के बीच डर का माहौल बन गया. घटना की जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर नवनीत सक्सेना ने इसे मामूली बताते हुए कहा कि दोनों मरीजों का इलाज किया गया और अब वे पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं.

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डॉक्‍टरों और कर्मचारियों की लापरवाही

जानकारी के अनुसार मानसिक रोग विभाग में इस समय रेनोवेशन का काम चल रहा है, जिसके चलते मरीजों को अस्थि रोग विभाग में शिफ्ट किया गया है. इसी दौरान चूहों के काटने की यह घटना घटी. पहले मरीज की शिकायत के बाद डॉक्टर ने इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पेस्ट कंट्रोल की व्यवस्था समय पर नहीं की, जिसके कारण दूसरे मरीज के साथ भी वही घटना हुई. प्रारंभिक जांच में विभाग के डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है. डीन ने मामले में जांच के आदेश देते हुए पेस्ट कंट्रोल कराने के निर्देश दिए हैं.

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