Diwali 2025: महाकाल मंदिर परिसर में नहीं होगी आतिशबाजी, एक फुलझड़ी से मनाई जाएगी दिवाली
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन
Diwali 2025: दीपावली प्रकाश का त्योहार है, जिसे मिठाइयां बांटकर, दीप जलाकर और आतिशबाजी करके लोग मनाते हैं. देश और प्रदेश के अलग-अलग प्रसिद्ध मंदिरों में दीवाली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर में इस बार की दीवाली अनोखी होनी वाली है. इस बार महाकाल मंदिर के परिसर में आतिशबाजी नहीं की जाएगी.
एक फुलझड़ी से मनाई जाएगी दीवाली
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने दीवाली मनाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इस बार मंदिर परिसर में आतिशबाजी नहीं की जाएगी. ना ही बम फोड़े जाएंगे, ना ही पटाखे. समिति ने स्पष्ट किया है कि मंदिर परिसर में दीवाली पर एक फुलझड़ी जलाई जाएगी. इसके अलावा किसी भी प्रकार के ज्वलनशील सामग्री पर प्रतिबंध रहेगा.
हादसे से बचने के लिए आतिशबाजी पर बैन
मंदिर समिति ने बताया है कि महाकाल मंदिर में 20 अक्टूबर को दीवाली मनाई जाएगी. इस दिन सबसे पहले भस्म आरती की जाएगी. इसके बाद अभ्यंग स्नान और आरती, संध्या आरती और शयन आरती की जाएगी. आरती के समय फुलझड़ी जलाकर दीवाली मनाई जाएगी. महाकाल मंदिर के उप प्रशासक आशीष फुलवाड़िया ने बताया कि दीवाली के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते हैं. किसी प्रकार की कोई दुर्घटना ना हो इसलिए ये फैसला लिया गया है.
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सबसे पहले महाकाल मंदिर में दिवाली मनाई जाती है
महाकाल मंदिर में सबसे पहले दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. पुजारी पंडित महेश गुरु ने बताया कि हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी पर्व महाकाल मंदिर में सबसे पहले मनाए जाते हैं. मान्यता है कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं. पहले राजा के आंगन में त्योहार मनाया जाता है फिर प्रजा त्योहार मनाती है.