“तेरा हाई कोर्ट और Supreme Court निकाल दूंगा”, SHO की गुस्ताखी पर SC सख्त, 7 नवंबर को तय होगी सजा!
प्रतीकात्मक तस्वीर
UP News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक SHO ने जो किया, उसने पूरे न्याय तंत्र को चुनौती दे दी. सुप्रीम कोर्ट के साफ-साफ आदेश को न सिर्फ नजरअंदाज किया, बल्कि याचिकाकर्ता को बीच सड़क पर घसीटा, गिरफ्तार किया और बेरहमी से पीटा. और तो और, जब कोर्ट की कॉपी दिखाई गई तो SHO ने गालियां बकते हुए कहा कि मैं किसी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानूंगा, आज तुम्हारा हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट निकाल दूंगा.
SHO ने किया तमाशा
28 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने का स्पष्ट आदेश दिया था. जस्टिस अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा था कि किसी को छूना भी मत. लेकिन 23 अप्रैल 2025 को प्रतापगढ़ के कोतवाली थाने के SHO गुलाब सिंह सोनकर ने ये आदेश कागज का टुकड़ा समझ लिया. याचिकाकर्ता अपने काम पर थे. अचानक SHO साहब अपनी टीम के साथ पहुंचे. बिना वारंट, बिना वजह सीधे धर दबोचा. याचिकाकर्ता ने जैसे-तैसे सुप्रीम कोर्ट का आदेश निकाला और दिखाया. जवाब में मिली गालियां और लात-घूंसे.
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SHO ने की थी प्लानिंग
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले की जांच का आदेश दिया था. शर्त थी जांच ADGP रैंक से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा. जांच हुई. रिपोर्ट आई और उसमें साफ लिखा था कि SHO ने जानबूझकर कोर्ट की अवमानना की. रिपोर्ट में बताया गया कि SHO ने न सिर्फ आदेश तोड़ा, बल्कि याचिकाकर्ता को डराने-धमकाने की पूरी साजिश रची थी. कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर माना और कहा कि पुलिस की वर्दी न्याय को दागदार करने का लाइसेंस नहीं है.
सरकार ने मांगी मोहलत
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SHO के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मन बना लिया था. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने वक्त मांग लिया. अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 को तय की गई है. कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम खुद कदम उठाएंगे. कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे अफसरों से सख्ती से निपटना होगा. वर्दी का मतलब तानाशाही नहीं.