‘हक’ फिल्म की रिलीज के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचीं शाहबानो की बेटी, बोलीं- बिना अनुमति के पहचान का इस्तेमाल हुआ
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट, इंदौर खंडपीठ (File Photo)
MP News: एक्ट्रेस यामी गौतम और एक्टर इमरान हाशमी स्टारर फिल्म ‘हक’ 7 नवंबर को रिलीज होने जा रही है. ये फिल्म शाहबानो केस पर आधारित है. इस मूवी की रिलीज पर रोक को लेकर शाह बानो की बेटी सिद्दीका बेगम खान ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई है. याचिका में कहा गया है कि फिल्म में उनकी मां की पहचान का इस्तेमाल बिना अनुमति के किया गया है.
फिल्म बनाने से पहले अनुमति नहीं ली गई
जस्टिस प्रणय वर्मा ने याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता सिद्दीका बेगम खान की ओर से वकील तौसीफ वारसी पेश हुए. उन्होंने कहा कि पूरी फिल्म स्वर्गीय शाहबानो बेगम के जीवन पर आधारित है. फिल्म के निर्माण से पहले उनकी बेटियों से अनुमति नहीं ली गई. वकील वारसी ने कहा कि निर्माताओं को कानूनी नोटिस भी भेजा गया था, इसके बावजूद शाहबानो के निजी जीवन के हिस्से फिल्म में शामिल किए गए. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को सर्टिफिकेट नहीं देना चाहिए था.
क्या है शाहबानो केस?
साल 1978 में 62 साल की मुस्लिम महिला शाह बानो ने इंदौर की एक अदालत में एक याचिका दायर की थी. तलाकशुदा पति मोहम्मद अहमद खान से भरण-पोषण की मांग की थी. दोनों की शादी साल 1932 में हुई थी. शाह और मोहम्मद के पांच बच्चे हुए, इनमें तीन बेटे और दो बेटियां हैं. शादी के 14 साल बाद मोहम्मद ने दूसरी शादी कर ली. शाहबानो और बच्चों को दूसरे घर में रहने के लिए कहा.
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जब मोहम्मद ने उन्हें 200 रुपये प्रति माह देने का वादा किया तो शाहबानो ने अदालत रुख किया और बच्चों के भरण-पोषण की मांग की. भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 123 के तहत ये मांग की. इस मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोहम्मद अहमद खान का समर्थन किया. निचली अदालत ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके पक्ष में ही फैसला सुनाया. बाद में राजीव गांधी सरकार ने मुस्लिम महिला (तलाक पर संरक्षण) अधिनियम, 1986 पारित किया. इसे उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने वाला कदम माना गया.