मध्य प्रदेश में 6 घंटे ओवर टाइम के लिए सहमति जरूरी, 144 घंटे पर मिलेगा दोगुना वेतन

MP News: मध्य प्रदेश में श्रम सहकारिता और भर्ती नियम में बड़े बदलाव हुए हैं. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद प्रदेश में संशोधित कारखाना अधिनियम लागू हो गया है. इसके तहत अब 6 घंटे ओवर टाइम के लिए सहमति जरूरी होगी. वहीं, 144 घंटे पर दोगुना वेतन मिलेगा. पढ़ें पूरा अपडेट-
Salary was being paid to the retired Chief Secretary for 4 months without holding the post, due to which the officers were retired even before the mistake was rectified.

वल्लभ भवन

MP News: मध्य प्रदेश में संशोधित कारखाना अधिनियम लागू हो गया है. इसके तहत अब कारखाने में पुरुष और महिलाओं दोनों से लिखित सहमति के बाद ही 6 घंटे तक ओवरटाइम कराया जा सकता है. वहीं, फॉरेस्ट गार्ड के लिए 5 गुना प्रत्याशियों को फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा. साथ ही होमगार्ड स्वयंसेवी सैनिकों के लिए 30% और भूतपूर्व सैनिकों के लिए 10% पद आरक्षित रहेंगे. दूसरी ओर सहकारिता क्षेत्र में बड़ी पहल हो रही है. अब सहकारी बैंकों में सार्वजनिक बैंकों की तरह आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा होगी. वहीं, सभी सहकारिता समितियां को सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा.

144 घंटे ओवरटाइम पर मिलेगा दोगुना वेतन

मध्य प्रदेश में किसी भी कारखाने में पुरुष और महिला दोनों कर्मचारी के काम में घंटे की कुल संख्या को बिना किसी अंतराल के 6 घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. उनमें तीन माह में कुल 144 घंटे ओवर टाइम कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें दोगुना मजदूरी का भुगतान किया जाएगा. इसके लिए मध्य प्रदेश विधानसभा में 5 अगस्त को पारित मध्यप्रदेश कारखाना संशोधित विधेयक को राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने स्वीकृति प्रदान की है.

अब यह संशोधन अधिनियम पूरे प्रदेश भर में एक साथ लागू हो गया है. इस संशोधन के तहत जहां भी किसी सप्ताह में कर्मचारी 48 घंटे से अधिक काम करता है या सप्ताह में 6 दिन काम करता है तो वह अकवाश के लिए जा सकता है. इसके अलावा किसी दिन कर्मचारी 9 घंटे से अधिक या फिर सप्ताह में 5 दिन काम करने पर किसी भी दिन 10 घंटे से अधिक जब सप्ताह में चार दिन काम करता है तो किसी भी दिन 11 घंटे से अधिक होता है तो अवकाश के लिए वह जा सकता है. अगर मजदूरी के संधारण दर से दुगनी दर पर मजदूरी प्रदान भी उसे की जाएगी.

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कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को लाभ

कारखाने में किसी भी समूह या वर्ग के संबंध में ऐसी शर्तें जरूरत के हिसाब से पूरी होंगी. इन शर्तों को विश्राम के अंतर्गत 12 घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. वहीं, सप्ताह में 48 घंटे पूर्ण होने के बाद सप्ताह के शेष दिन कर्मचारी अवकाश के पात्र होंगे. संशोधन का मुख्य उद्देश्य है कि कुछ परिस्थितियों में नियोक्ताओं को अधिक लचीलापन मिले और कुछ नियमों में छूट मिल सके. यह संशोधन व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य और श्रमिकों के कल्याण से संबंधित को भी संबोधित करता है.

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