2 बार विधायक, एक बार भी कार्यकाल नहीं कर पाए पूरा… फर्जी पैन कार्ड मामले में आजम खान के साथ बेटे अब्दुल्ला भी गए जेल

Abdullah Azam Jail News: अब्दुल्ला आजम ने 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली. इसके बाद 2022 में भी विधायक बनें लेकिन दोनों बार अब्दुल्ला अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर सके.
Azam Khan and Abdullah Azam kept in 10-day jail quarantine

आजम खान बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ (फाइल फोटो)

Azam Khan Fake Documents Case: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी पैन कार्ड के मामले में 7 साल की सजा हो गई है. यह फैसला अब दोनों पिता-पुत्र रामपुर के जिला कारागार के बैरक नंबर-1 पर बंद हैं. दोनों ने जेल के अंदर एक साथ रहने के लिए अर्जी लगाई है. जिस पर आज सुनवाई होना है.

दरअसल, यह मामला साल 2016 का है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर जिले की स्वार सीट से 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ना चाह रहे थे. पैन कार्ड की जन्मतिथि के अनुसार वे केवल 24 साल के ही थे, जिसकी वजह से नामांकन नहीं डाल सकते थे. क्योंकि विधायक बनने के लिए कम से कम 25 साल का होना जरूरी है. ऐसे में उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नया तरीका ढूढ निकाला.

फर्जी पैन कार्ड से किया था नामांकन

इस दौरान पिता-पुत्र दोनों ने मिलकर फर्जी पैन कार्ड बनवा लिया. पहले वाले पैन कार्ड के हिसाब से जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 थी. वहीं जब नया पैन कार्ड बनवाया तो उसमें 30 सितंबर 1990 की डेट डाल दिए, ताकि चुनाव में नामांकन किया जा सके. इसके बाद फर्जी पैन कार्ड के हिसाब से नामांकन कर लिया. जो बाद में पकड़ा गया. हालांकि, इस चुनाव में अब्दुल्ला आजम खान ने जीत दर्ज की थी.

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7 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना

इस मामले में आरोप तय होने पर शुक्रवार को रामपुर एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दोनों को 7 साल की सजा सुनाते हुए 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अब उन्हें मेडिकल कराकर जेल में रखा गया है. जेल प्रशासन के अनुसार, दोनों को 10 दिनों तक बैरक नंबर-1 में क्वारंटीन रहना होगा.

2 बार बने विधायक, 1 भी बार कार्यकाल नहीं कर पाए पूरा

अब्दुल्ला आजम ने 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली. इसके बाद 2022 में भी विधायक बनें लेकिन दोनों बार अब्दुल्ला अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर सके. पहले उनकी विधानसभा सदस्यता दो साल में चली गई थी और दूसरी बार 11 महीने में चली गई.

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