क्या है संचार साथी एप? जिसे हर फोन में इंस्टॉल कराना चाहती है सरकार, कांग्रेस ने उठाए सवाल
संचार साथी एप
Sanchar Saathi App: दूरसंचार विभाग (DoT) ने अब सभी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को ‘संचार साथी’ एप प्री-इंस्टॉल करने के निर्देश जारी किए हैं. कंपनियों को इसके लिए 3 महीने का समय दिया गया है. विभाग का दावा है कि इससे साइबर धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी और डुप्लीकेट आईएमआई वाले उपकरणों से भी निपटने में आसानी होगी. कोई भी यूजर इसे डिलीट भी नहीं कर सकेगा. इसके अलावा किसी भी फीचर को छिपाने या बंद करने की इजाजत नहीं रहेगी. सप्लाई चेन में आ चुके फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिये एप जोड़ा जाएगा.
क्यों इसे इंस्टॉल कराना चाह रही सरकार?
सरकार के अनुसार, यह एप्लीकेशन आम आदमी के लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि इसके माध्यम से आईएमईआई नंबरों की नकल या छेड़छाड़ से जुड़े साइबर फ्रॉड के खतरे निपटने में मदद मिलती है. यह दूरसंचार विभाग द्वारा तैयार साइबर सुरक्षा एप है, जिसके जरिए मोबाइल को ट्रैक, ब्लॉक और ढूंढ़ा जा सकता है. संचार साथी एप 2023 में लॉन्च किया गया था. जिसकी मदद से अब तक 7 लाख से अधिक फोन को ढूंढ़ने में मदद मिली है. अक्टूबर महीने में ही सिर्फ 50 हजार से ज्यादा फोन रिकवर किए गए हैं.
कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता सी वेणुगोपाल ने संचार साथी एप को लेकर सवाल उठाए हैं उन्होंने कहा, “बिग ब्रदर हम पर नजर नहीं रख सकता. दूरसंचार विभाग का यह निर्देश असंवैधानिक से भी परे है. निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का एक अभिन्न अंग है. एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप जिसे अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता, हर भारतीय पर नजर रखने का एक मनहूस उपकरण है. यह प्रत्येक नागरिक की हर गतिविधि, बातचीत और निर्णय पर नजर रखने का एक जरिया है.”
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इसके अलावा उन्होंने इसे वापस लेने की बात कही है. वेणुगोपाल ने कहा, “यह भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हमलों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है और इसे जारी नहीं रहने दिया जाएगा. हम इस निर्देश को अस्वीकार करते हैं और इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं.
Big Brother cannot watch us. This DoT Direction is beyond unconstitutional.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) December 1, 2025
The Right to Privacy is an intrinsic part of the fundamental right to life and liberty, enshrined in Article 21 of the Constitution.
A pre-loaded government app that cannot be uninstalled is a… pic.twitter.com/kx33c7fmda
क्या करेगा संचार साथी?
संचार साथी एप से किसी मोबाइल के ईएमआई नंबर के माध्यम से आप बड़े आसानी से उसके असली और नकली का पता लगा सकते हैं. इसमें संदिग्ध फ्रॉड कॉल या मैसेज की रिपोर्ट कर सकते हैं, ताकि बार-बार नॉटिफिकेशन या कॉल से बच सकें. फोन चोरी या खो जाने की शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इसके अलावा अपने नाम पर जारी हुए सभी मोबाइल कनेक्शन देख सकते हैं.