‘वनतारा जैसा जू उज्जैन में नहीं बन सकता, क्या ये पाकिस्तान में है?’, सीएम मोहन यादव ने नेता प्रतिपक्ष पर कसा तंज
एमपी विधानसभा
MP News: वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत में एमपी की क्या भूमिका होगी उस पर चर्चा कर रहे है. हमारी कोशिश है कि प्रदेश तेजगति से विकास करें.
वहीं बजट को लेकर विपक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार कर्ज लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रही है. आज स्कूल कॉलेज और अस्पतालों का उन्नयन हो रहा है. हमारा वित्तीय प्रबंधन काफी अच्छा है. कमी है तो विपक्ष हमें बताएं समस्या हैं तो हमें बताएं क्योकिं समाधान भी यही है विपक्ष सुझाव दे.
सदन में विजन 2047 पर चर्चा
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सदन में बोले कि 2047 के विकास पर बात हो रही है लेकिन एमपी के मास्टर प्लान की बात नहीं हुई. साथ ही उन्हाेंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल का आभार जताया. उन्होंने शमशान तक रास्ते बनाने की बात कही है. सिंघार ने पूछा कि क्या गुजरात के वनतारा जैसा हाईटेक पार्क एमपी में नही बन सकता?
वनतारा जैसा जू उज्जैन में नहीं बन सकता क्या- सीएम
वहीं सीएम ने टोका कि क्या उज्जैन में नहीं बन सकता क्या, ये पाकिस्तान में है क्या. जिसपर सिंघार ने कहा कि एमपी को विकसित बनाने की चर्चा एक दिन में नहीं हो सकती है. सत्र की बैठकों के दिन बढ़ने चाहिए. मां नर्मदा हम सबके लिए पूजनीय है, लेकिन मां नर्मदा के किनारे तीन सौ करोड़ रुपये के पेड़ कहां गये बताएं.
मछली उत्पाद में एमपी चौथे नंबर पर है पशुपालन मंत्री ने कहा था. कहां एक्सपोर्ट हो रही हैं ये मछलियां, सरकार बताए. हम विकास का विरोध नहीं करते लेकिन सरकार चर्चा से भागती है. 2026 की बात नहीं हो रही है. क्या दो साल के कामों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए. विजन डॉक्यूमेंट को लेकर क्या जनता से राय ली गई है.
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हर किसी को स्वास्थ्य का अधिकार- सिंघार
सिंघार ने कहा कि 2027 का सपना दिखाया जा रहा है, सोने की चिड़िया दिखाई जा रही है लेकिन वर्तमान और आज की बात नहीं कर रहे हैं. क्या हम युवाओं के कंधों पर कर्ज देकर जाएंगे. उमंग सिंघार ने सदन में मुद्दों को उठाते हुए कहा कि केवल आयुष्मान कार्ड वाले को ही स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. क्या आयुष्मान कार्ड जिसके पास नहीं है, उनको इलाज का अधिकार नहीं है. राइट टू हेल्थ पर विचार करना चाहिए. 2008 से अभी तक कई इंवेस्टर मीट हुए, उद्योगपतियों को ज़मीन ऑलोट किया गया. जहां उद्योग नहीं लगे तो ज़मीनों को वापस क्यों नहीं लिया गया.