MP News: ठगी की इंतहा, गरीब दिव्यांग को भी नहीं छोड़ा, मंत्री का पीए बताकर किया फ्रॉड, पुलिस ने शिकायत बंद करने का बनाया दबाव

शिवकुमार ठाकरे ने बातचीत के दौरान बताया कि पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि हम सागर जाएंगे. इसके बाद न्याय का भरोसा दिया. फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
A handicapped person was cheated by claiming to be close to Minister Kailash Vijayvargiya.

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का करीबी बताकर दिव्यांग से ठगी.

MP News: भोपाल राजधानी में इंसानियत को शर्मसार और मानवता की इंतहा करने का मामला सामने आया है. दिव्यांग जो अपनी आंखों से देखा नहीं सकता उसको नौकरी का लालच देकर 20 हजार ठग लिए. हद तो तब हो गई जब ठगी के बाद पुलिस भी लाचार और व्यवस्था नजर आई. दिव्यांग ने शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने कहा कि बेस्ट कार्रवाई करेंगे, लेकिन हकीकत यह है कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के लिए दिव्यांग पर ही दबाव बनाया गया. अब दिव्यांग शिकायत की कॉपी लेकर मंत्री और लोगों के बीच गुहार लगा रहा है.

CM हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई

दरअसल सिवनी जिले के रहने वाले शिवकुमार ठाकरे पिछले 2 महीने से कई बार भोपाल आ चुके हैं. उन्होंने भोपाल हबीबगंज के सहायक पुलिस आयुक्त को आवेदन दिया. जिसमें उन्होंने बताया कि मंत्री के पीए ने बात कर उनके साथ ठगी की है. ठगी करने वाले व्यक्ति ने शिवकुमार ठाकरे को फोन किया और बताया कि आपने सरकारी नौकरी में आवेदन किया है. वह उनकी नौकरी लगवा सकता है. इसके बदले में पहले 10 हजार मांगे. फिर बाद में चार-चार हजार करके और पैसा ले लिया. शिवकुमार ने सोचा कि 10000 दे दिए हैं, इसलिए 10000 और देते हैं. नौकरी मिल ही जाएगी. इसके बाद आरोपी ने फोन उठाना ही बंद कर दिया. शिवकुमार ठाकरे ने भोपाल के एसीपी से शिकायत कर दी. पुलिस ने भरोसा दिया कि वह कार्रवाई करेगी, लेकिन पुलिस की कार्रवाई न करने की वजह से शिवकुमार ठाकरे ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस कुछ तो हरकत में आई.

दिव्यांग को नहीं मिल सका इंसाफ

शिवकुमार ठाकरे ने बातचीत के दौरान बताया कि पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि हम सागर जाएंगे. इसके बाद न्याय का भरोसा दिया. फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद ठाकरे ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई तो शिकायत बंद करने का दबाव बनाया. पुलिस ने कहा कि हमने खोजबीन कर ली है, या तो पैसा वापस करेंगे या फिर आरोपी की के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

जिस पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करके दिव्यांग को न्याय दिलाना था. उसने शिकायत बंद करने का ही दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके लिए दो से तीन अधिकारियों ने फोन किया. जब आखिरी में शिवकुमार ने शिकायत को बंद नहीं किया. इसके बाद शिवकुमार ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत बंद कर दी, लेकिन न्याय के लिए अभी भोपाल में भटक रहे हैं. जबकि न्याय मिलने वाली जगह में कानून ने खुद ही न्याय की गुहार शिवकुमार से लगा दी.

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