MP News: जबलपुर में कलेक्टर के आदेश पर सील हुई पटाखा दुकानों को SDM और तहसीलदार ने खुलवाया, दोनों हुए सस्पेंड

MP News: कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई करते हुए अनुविभागीय राजस्व अधिकारी (एसडीएम) अधारताल पुष्पेन्द्र अहाके एवं तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को सस्पेंड कर दिया.
SDM and Tehsildar image

कलेक्टर दीपक सक्सेना कार्रवाई करते हुए

जबलपुर: जबलपुर शहर में एसडीएम व तहसीलदार को सस्पेंड करने का मामला सामने आया है. एसडीएम पुष्पेंद्र अहाके पर पटाखा व्यापारियों को अनिश्चित लाभ पहुंचाने का आरोप है. दरअसल हरदा में हुए भयानक हादसे में अधिकारियों की लापरवाही ही सामने आई थी और एक बार फिर यही लापरवाही जबलपुर में सामने आई है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तहसीलदार और एसडीएम पर सस्पेंशन की गाज गिरा दी. हरदा में हुए पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद जबलपुर जिला प्रशासन ने भी पटाखा दुकानों में जांच पड़ताल की थी. लेकिन इस जांच पड़ताल में भी जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही बरती. इसके बाद कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई करते हुए अनुविभागीय राजस्व अधिकारी (एसडीएम) अधारताल पुष्पेन्द्र अहाके एवं तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को सस्पेंड कर दिया है.

बिना कलेक्टर के आदेश के पटाखा की दुकानों को खुलवाने का आरोप

दरअसल, हरदा पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद जबलपुर जिला प्रशासन ने कठौदा स्थित थोक पटाखा बाजार की दुकानों का निरीक्षण किया था और सभी दुकानों को सील कर दिया था और जांच की जिम्मेदारी आधारताल एसडीएम पुष्पेंद्र आहाके और तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को दी गई थी. निरीक्षण के बाद दुकानों में बड़ी लापरवाही देखी गई थी, जिस पर 7 फरवरी को दुकानें सील कर दी गई. लेकिन तहसीलदार ने इन्हें 17 फरवरी को बिना कलेक्टर के आदेश के पटाखा की दुकानों को खुलवा दिया. तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि स्टॉक की जांच पूरी कर ली गई है. लेकिन इस जांच रिपोर्ट की जानकारी कलेक्टर को नहीं मिली. जिसके बाद मामले की जांच कराई गई तो पूरी गड़बड़ी सामने आई. दोनों अधिकारियों की लापरवाही सामने आने के बाद कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया है.

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शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही का आरोप

एसडीएम पुष्पेंद्र अहाके और तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के निलंबन आदेश में कहा गया है कि यह शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन व शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही है. इसमें अभी माना गया है कि दोनों अधिकारियों ने पटाखा व्यापारियों को अपने अवैध स्टॉक को इधर-उधर करने में मदद की है. शासन के नियमों एवं निर्देशों के विपरीत कार्रवाई की गई, जिसकी वजह से दोनों का निलंबन किया गया है.

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