‘बंगाली बनाम बाहरी’ को मुद्दा बनाने वाली TMC के तीन Outsiders, बीजेपी ने ‘दीदी’ को घेरा

बता दें कि ‘दीदी’ के साथ कांग्रेस लगातार इग्नोरेंस की मुद्रा में चल रही थी. लगातार उनके प्रपोजल और डेडलाइन पर बेरुखी दिखा रही थी. अब दीदी ने फैसला कर दिया है. दीदी ने ऐसा फैसला कर दिया है कि अब इंडी ब्लॉक के भविष्य पर ही सवाल उठने लगा है.
Cricketer Yusuf Pathan, Kirti Azad and actor Shatrughan Sinha

क्रिकेटर यूसुफ पठान, कीर्ति आजाद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा

Lok Sabha Election 2024: तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए 42 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.टीएमसी ने टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान और कीर्ति आजाद को टिकट दिया है. यूसुफ बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. यहां से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सांसद हैं. लेकिन सबसे खास बात ये है कि हमेशा से बाहरी का विरोध करने वाली, बंगाली बनाम बाहरी का राग अलापने वाली दीदी ने इस बार तीन बाहरियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. यूसुफ पठान, कीर्ति आजाद और शत्रुघ्न सिन्हा इन तीन बाहरियों में शामिल हैं.

अभिषेक बनर्जी ने फिर उठाया बाहरी का मुद्दा

2019 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने लगातार बंगाल में अपना जनाधार बढ़ाया है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सक्रियता देखने के बाद ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं को बाहरी बताया था. रविवार को भी अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीएमसी में नंबर दो और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बाहरी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ये चुनाव बीजेपी के बाहरी लोगों के खिलाफ है. उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

इन सीटों पर टीएमसी के बाहरी उम्मीदवार

टीएमसी ने पिछले कुछ वक्त में कई नए चेहरों को मौका दिया है. सागरिका घोष मूल रूप से बंगाल की जरूर हैं, लेकिन उनके पत्रकारिता का पूरा करियर दिल्ली में ही रहा. इस बार लोकसभा चुनाव में क्रिकेटर यूसुफ पठान, कीर्ति आजाद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया है. यूसुफ पठान को बहरामपुर से, शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल से और बर्धमान दुर्गापुर से कीर्ति आजाद को उतारा है.

यूसुफ पठान, कीर्ति आजाद और शत्रुघ्न सिन्हा को टीएमसी से टिकट मिलने के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी के आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने कहा, “टीएमसी के बहरामपुर से उम्मीदवार यूसुफ पठान गुजरात के बड़ौदा से हैं या पश्चिम बंगाल से? बीजेपी की लिस्ट में बाहरी हैं. टीएमसी को अपनी विभाजनकारी राजनीति पर शर्म आनी चाहिए.

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बंगाल में क्यों टूटा इंडिया गठबंधन?

बता दें कि ‘दीदी’ के साथ कांग्रेस लगातार इग्नोरेंस की मुद्रा में चल रही थी. लगातार उनके प्रपोजल और डेडलाइन पर बेरुखी दिखा रही थी. अब दीदी ने फैसला कर दिया है. दीदी ने ऐसा फैसला कर दिया है कि अब इंडी ब्लॉक के भविष्य पर ही सवाल उठने लगा है. बता दें कि शुरुआती दौर में ममता बनर्जी ने कांग्रेस को बंगाल में 2 सीटों का ऑफर दिया था. लेकिन कांग्रेस की ओर से इस पर अमल नहीं किया गया. बाद में टीएमसी ने कांग्रेस को 5 सीटों का ऑफर दिया, लेकिन फिर भी बात नहीं बन पाई.

याद करिए 23 जून 2023 का वो दिन जब बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकता के दावों के साथ अहम बैठक हुई. इसमें शामिल दो दर्जन से ज्यादा पार्टियों ने बीजेपी को हराने के लिए एकजुट लड़ने का ऐलान किया. जैसे ही ये घोषणा हुई तो देशभर की राजनीति में हलचल मच गई. हालांकि, कुछ महीनों में ही इस गठबंधन की पोल खुलने लगी. सबसे पहले विपक्षी एकता की नींव रखने में अहम रोल निभाने वाले नीतीश कुमार इससे अलग हुए. उनकी पार्टी जेडीयू ने बीजेपी संग गठबंधन का फैसला किया. यही नहीं बिहार में उन्होंने आरजेडी-कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार भी बना ली. यहीं से इंडिया अलायंस में टूट का दौर शुरू हो गया. अब ममता बनर्जी ने कुनबा ही ढहा दिया है!

 

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