MP News: फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर करते थे घोटाला, तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोचा

MP News: पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो आधारताल थाना क्षेत्र में एमपी ऑनलाइन की दुकान चलाने वाले शेख शहजाद और उसके दोस्त आकिब रफीक को हिरासत में लिया गया.
Jabalpur scam

पुलिस को आरोपियों के पास से अब तक 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र मिले.

जबलपुर: जिले की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है. जो जिंदा लोगों का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि को निकाल लेता था. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जप्त किए गए हैं.

पुलिस के मुताबिक हनुमानताल थाना क्षेत्र की निवासी सैयदा रिजवाना रिजवी ने शिकायत दर्ज कराई. जिसमें बताया गया कि साल 2020 में उसने मजदूरी कार्ड बनवाने के लिए शेख शहजाद नाम के शख्स को आधार कार्ड, समग्र आईडी और पासपोर्ट साइज की फोटो दी थी इसके साथ ही ₹5000 भी दिए. 6 महीने बाद शेख शहजाद ने उसे मजदूरी कार्ड बनवाकर दे दिया लेकिन कुछ ही महीना में उसे जानकारी मिली की शेख शहजाद मजदूरी कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहा है इस संदेह पर उसने नगर निगम कार्यालय में जाकर जानकारी उठाई.

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40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना चुके हैं आरोपी

निगम कार्यालय में इस बात का पता चला कि सैयदा रिजवाना रिजवी के नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर संबल योजना के तहत मिलने वाली अंत्येष्टि की राशि 6 हजार और सहायता राशि 2 लाख रुपए निकाल ली गई है. इस शिकायत पर पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो आधारताल थाना क्षेत्र में एमपी ऑनलाइन की दुकान चलाने वाले शेख शहजाद और उसके दोस्त आकिब रफीक को हिरासत में लिया गया. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अब तक 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए हैं और इन मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के जरिए मिलने वाली राशि को बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया है.

दस्तावेजों को एडिट कर करते थे घोटला

आरोपियों का एक अन्य साथी सलमान बैंक खातों की दस्तावेजों में एडिटिंग कर अन्य दस्तावेज लगा दिया करता था. और सरकार की ओर से मिलने वाली राशि उन बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी पुलिस को आरोपियों के पास से अब तक 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र मिल चुके हैं पुलिस का कहना है कि आरोपियों के संबंध छत्तीसगढ़ से भी निकाल कर सामने आ रहे हैं इसके साथ-साथ नगर निगम के कर्मचारियों की भी मिलीभगत की आशंका है इसलिए पुलिस आरोपियों से कड़ी पूछताछ कर रही है और इस मामले में आगे भी जांच जारी रहेगी. आरोपी अब तक करोड़ों रुपए का गमन कर चुके हैं पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और पता किया जा रहा है कि इन्होंने और कितने लोगों के नाम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया है.

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