Mahadev App Betting Case: भूपेश बघेल पर कैसे दर्ज हुई FIR? जानिए महादेव सट्टा ऐप की पूरी कहानी…
Mahadev App Betting Case: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. छत्तीसगढ़ की सियासत में पोस्टर वार के बाद अब सियासत की करवट महादेव सट्टा ऐप की ओर मुड़ गई है. लोकसभा चुनाव का इतिहास रहा है जब-जब चुनाव नजदीक आए है. तब-तब नेताओं के पुराने विवाद और घोटाला चर्चा में आए है. उसी प्रकार 2024 के चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर दर्ज हुई FIR भी अहम राजनितिक मुद्दा बन गई.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रहने वाले सौरभ चंद्राकर के महादेव सट्टा ऐप संचालित करने के मामले में अब आंच कई बड़े नेताओं और अधिकारियों को अपने जद में ले चुकी है. ईडी और एसीबी ने एक जूस वाले के सट्टा किंग बनने तक की सफर के पीछे छिपे कई किरदारों को सामने लाया. इसके बाद कुल 19 लोगों के ऊपर FIR भी दर्ज हो गई है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी शामिल है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से लोकसभा के प्रत्याशी भी हैं. ऐसे समय में FIR दर्ज होना कई सवाल भी खड़े कर रहा है. तो वहीं भूपेश बघेल कह रहे हैं कि राजनीतिक विद्वेष की वजह से FIR दर्ज की गई है.
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर दिख रहा महादेव का प्रकोप – बीजेपी
वहीं बीजेपी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव का प्रकोप दिख रहा है. कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि महादेव का प्रकोप कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल पर दिखने लगा है. भूपेश बघेल को इतना डर क्यों सता रहा है. महादेव को लेकर पहला एफआईआर उन्होंने खुद किया था. अपने ही बुने हुए जाल में खुद फंस गए है, तो तरह-तरह की बात कर रहे है. छत्तीसगढ़ में कितने घोटाले हुए है, अभी एक घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री का नाम आया है तो घबरा गए. अभी तो न जानें कितने घोटालों की फाइल खुलेगी.
क्या इस सट्टेबाजी के मायाजाल का असर चुनाव में भी दिखेगा?
लोकसभा चुनाव से पहले लगातार बदलते घटनाक्रम को लेकर कई सवाल जन्म ले रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस सट्टेबाजी के मायाजाल का असर चुनाव में भी दिखेगा. जिस पर वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि हसदेव, सिंहदेव और महादेव का मुद्दा कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव पर भारी पड़ चुका है. अब इस मुद्दे को फिर से लोकसभा से पहले बुनना उलट पड़ सकता है.
छत्तीसगढ़ में इतिहास के चुनावी पन्नों को अगर खंगाला जाए तो कई विवादों से सरकार बनी है. जब तक कार्रवाई जारी रहेगी इसपर सियासत होती रहेगी. क्या भारतीय जनता पार्टी 11 कमल के फूल खिलाएगी या फिर कांग्रेस अपनी पकड़ लोकसभा सीटों पर जमाएगी. यह आने वाला समय बताएगा.