MP News: सागर सीट पर 28 साल से BJP का कब्जा, 2024 में बीजेपी की लता वानखेड़े के सामने कांग्रेस के गुड्डू राजा बुंदेला
Sagar Lok Sabha Seat: सागर बुंदेलखंड का सबसे बड़ा शहर होने के साथ-साथ संभाग और लोकसभा सीट भी है. बुंदेलखंड की राजनीति की दिशा और दशा कमोबेश सागर से ही तय होती है. पिछले 28 सालों से ये सीट बीजेपी के पास है. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से डॉ लता वानखेड़े को अपना उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस ने गुड्डू राजा बुंदेला को प्रत्याशी बनाया है.
सागर लोकसभा सीट में दो जिलों सागर और विदिशा की आठ विधानसभा सीट शामिल हैं. इनमें सागर जिले की बीना, खुरई, सुरखी, नरोली, सागर और विदिशा जिले की कुरवाई, सिरोंज, शमशाबाद सीट शामिल हैं. बीना विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें बीजेपी के पास हैं.
इस सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी. 12 लाख से ज्यादा वोटर्स 13 उम्मीदवारों में से किसी एक को सागर से संसद तक पहुंचाएंगे.
बीजेपी प्रत्याशी डॉ लता वानखेड़े और कांग्रेस उम्मीदवार गुड्डू राजा का ये पहला लोकसभा चुनाव है. आइए जानते हैं दोनों उम्मीदवारों के बारे में
डॉ लता वानखेड़े – सरपंच से लोकसभा प्रत्याशी
एजुकेशन – पीएचडी
संपत्ति – 17 करोड़ रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – शून्य (0)
सागर सीट से बीजेपी ने डॉ लता वानखेड़े को अपना प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले लता वानखेड़े ने कभी भी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. ये पहला मौका है जब लता लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी. संगठन के स्तर पर वानखेड़े ने बहुत काम किया है. एमपी की 29 लोकसभा सीट में से 28 पर प्रचार का काम भी संभाला है. अभी वानखेड़े विदिशा जिला की बीजेपी प्रभारी हैं.
लता वानखेड़े का पॉलिटिकल सफर 1995 से शुरू होता है. इसी साल पहली बार वानखेड़े सागर के मकरोनिया से सरपंच बनीं. इसके बाद दो बार और इसी ग्राम पंचायत से सरपंच रहीं. बाद में ये ग्राम पंचायत नगर परिषद में बदल गई. बीजेपी के संगठन के साथ-साथ आरएसएस से लंबे समय से जुड़ी रहीं हैं. बीजेपी के अलग-अलग पदों पर काम किया इसके अलावा मध्य प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष, एमपी में बीजेपी की प्रदेश मंत्री पद पर भी रह चुकी हैं.
बीजेपी ने लता वानखेड़े को चुनाव प्रचार की कमान भी सौंप चुकी है. वानखेड़े को स्टार प्रचारक बनाकर प्रदेश की अलग-अलग सीट पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव का प्रचार करवाया है. वानखेड़े को संगठन में काम करने का अनुभव अच्छा खासा है और संगठन स्तर पर पहुंच भी है. ऐसा कहा जाता है कि लता वानखेड़े पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की खास और विश्वासपात्र हैं.
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गुड्डू राजा – यूपी से एमपी की राजनीति में एंट्री
एजुकेशन – डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (मेलबॉर्न, ऑस्ट्रेलिया)
संपत्ति- 51 करोड़ रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – एक
कांग्रेस ने सागर से गुड्डू राजा को अपना प्रत्याशी बनाया है. गुड्डू राजा का असली नाम चंद्रभूषण सिंह बुंदेला है. गुड्डू राजा के पिता सुजान सिंह झांसी लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं. गुड्डू राजा को राजनीतिक समझ घर से ही मिली लेकिन फिर भी राजनीति में जो मुकाम मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाया.
चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा ने तीन बार ललितपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी. साल 2007 और 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा लेकिन हार मिली. इसके बाद गुड्डू राजा ने बीएसपी ज्वॉइन कर ली. साल 2022 में फिर से ललितपुर सीट से बीएसपी के टिकट से चुनाव लड़ा, कामयाबी हाथ नहीं लगी.
अपने राजनीतिक जीवन को नया रूप देने के लिए एमपी का रुख किया. साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले गुड्डू राजा एक हजार गाड़ियों के साथ भोपाल आकर कांग्रेस ज्वॉइन की. उस समय ऐसा कहा जा रहा था कि सागर के खुरई से कांग्रेस टिकट देगी. बीजेपी के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया. आम चुनाव 2024 में कांग्रेस ने सागर से गुड्डू राजा को उम्मीदवार बनाया.
लता वानखेड़े बनाम गुड्डू राजा का मुकाबला
लता वानखेड़े ये चुनाव जीततीं हैं तो सागर सीट से सहोद्राबाई के बाद दूसरी महिला होगीं जो सांसद बनेंगी. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार के पास ये पहला मौका है जब वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी प्रत्याशी के पास संगठन में काम करने का अनुभव है और त्रिस्तरीय पंचायत में ग्राम पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं. लता वानखेड़े ओबीसी समुदाय से आती हैं.
गुड्डू राजा सवर्ण वर्ग से आते हैं. तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं हुई. बुंदेलखंड की राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं. यूपी की राजनीति से एमपी की राजनीति में एंट्री के बाद बुंदेलखंड से अपनी राजनीतिक इबारत लिखने के लिए बेताब हैं.
आम चुनाव 2019 : राजबहादुर सिंह बने सांसद
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राजबहादुर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था और कांग्रेस ने प्रभु सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में 6 लाख, 46 हजार, 231 वोट मिले और कांग्रेस के प्रभु सिंह को 3 लाख, 40 हजार, 689 वोट मिले. दोनों के बीच जीत का अंतर 3 लाख, 5 हजार, 542 रहा.
सागर सीट: वीरेंद्र खटीक चार बार सांसद रहे
वीरेंद्र खटीक इस सीट से चार बार यानी 1996,1998,1999 और 2004 में सांसद रहे. पिछले 28 साल से ये सीट बीजेपी के पास है. आखिरी बार कांग्रेस के आनंद अहिरवार ने साल 1991 में चुनाव जीता था. 1952 से लेकर 1967 तक इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. सागर सीट से पहले सांसद कांग्रेस के खूबचंद सोदिया रहे.
पहले गैर-कांग्रेसी सांसद भारतीय जनसंघ के रामसिंह आयरवाल बनें. बीजेपी के टिकट से पहले सांसद आरपी अहिरवार बनें. ऐसे दो सांसद रहे जिन्होंने दो बार जीत दर्ज की. दोनों सांसद कांग्रेस के रहे. ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी ने साल 1957 और 1962 में चुनाव जीता. सहोद्राबाई ने साल 1971 और 1980 में चुनाव जीता. सहोद्राबाई पहली महिला सांसद भी रहीं.
जातिगत समीकरण का गुणा-भाग
सागर लोकसभा सीट की बात करें तो ये अनुसूचित जाति बाहुल्य सीट है. इस सीट पर 3 लाख से ज्यादा अनुसूचित जाति की जनसंख्या है. इसके अलावा ब्राह्मण करीब 3 लाख हैं. बुंदेलखंड रीजन में जैन समाज की अच्छी खासी संख्या है. इस सीट पर लगभग 1 लाख जैन हैं. क्षत्रियों की बात करें तो 1.25 लाख के करीब हैं और ओबीसी की जनसंख्या 2 लाख से ज्यादा है.
(source: ECI, DIGITAL SANSAD, myneta.info)