सोनिया गांधी के करीबी, कांग्रेस में भी रहा दबदबा… कौन हैं रायबरेली से BJP कैंडिडेट दिनेश प्रताप सिंह?
Who Is Dinesh Pratap Singh: बीजेपी ने कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होना है. हालांकि, कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार कौन होगा, अब तक ये फाइनल नहीं हो सका है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सीएम योगी कैबिनेट में मंत्री के रूप में कार्यरत दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी ने लगातार दूसरी बार रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए चुना है.
2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह कांग्रेस के गढ़ में लगभग 1.6 लाख वोटों के अंतर से हार गए.उन्हें कुल 38 प्रतिशत वोट मिले. लेकिन इसके इतर ये भी सत्य है कि दिनेश को रायबरेली के इतिहास में भाजपा उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा वोट मिले थे. आइये जानते हैं कि कौन हैं दिनेश प्रताप सिंह…
कौन हैं दिनेश प्रताप सिंह?
दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस पार्टी में थे. एक समय में दिनेश प्रताप को सोनिया गांधी के करीबी माना जाता था. पार्टी में भी उनका खूब दबदबा रहा. यही वजह थी कि 2010 में दिनेश प्रताप सिंह पहली बार और 2016 में दूसरी बार कांग्रेस से एमएलसी बने थे. हालांकि, 2018 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की. 2022 में वो एमलसी बनकर अभी योगी सरकार में बतौर मंत्री काम कर रहे हैं.
2010 में पहली बार MLC बने थे दिनेश
दिनेश प्रताप पहली बार 2010 में और दूसरी बार 2016 में कांग्रेस से विधान परिषद के सदस्य बने. इसके बाद 2018 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ अपना उम्मीदवार बनाया.
भाजपा की ओर से रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, “मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि रायबरेली से ‘नकली’ गांधी परिवार की विदाई तय है. यह तय है कि बीजेपी का ‘कमल’ खिलेगा और कांग्रेस हारेगी.” दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, “मैंने चार बार की सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा है, इसलिए प्रियंका गांधी, राहुल गांधी मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं. जो भी गांधी जी रायबरेली आएंगे, वे हारेंगे.”
कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ रहा है रायबरेली
रायबरेली महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखता है क्योंकि यह 1960 से कांग्रेस पार्टी का पारंपरिक गढ़ रहा है, जिसमें फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी जैसे दिग्गजों ने अतीत में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. अब बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह पर भरोसा जताया है.