MP News: नर्सिंग कॉलेज की जांच के मामले में CBI खुद रिश्वतखोरी में फंसी, अब ED की होगी एंट्री और मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत होगी जांच
Nursing Collage Scam CBI Investigation : मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने के मामले में सीबीआई खुद रिश्वतखोरी में फंस गई है.अब सीबीआई के अधिकारियों के खिलाफ ईडी भी मामला दर्ज कर सकती है और खास बात है कि कालेज संचालकों के खिलाफ भी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू हो जाएगी. अवैध तरीकें से करोड़ों रुपए की लेनदेन की मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट खुद सू मोटो लेते हुए जांच करेगी.
नर्सिंग कॉलेज की हाई कोर्ट के निर्देश पर अन्य नेताओं की जांच करने वाली सीबीआई के अधिकारी घूसखोरी में फंस गए हैं. घूसखोरी के राज का पर्दाफाश होने के बाद इस मामले में परिवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो जाएगी. इस पूरे घूसखोरी के कांड में 10 से 15 लाख रुपए कॉलेज संचालकों से लिए जाने का खुलासा होने के बाद ईडी भी नजर बनाए हुए हैं. करीब 15 से 20 करोड रुपए का लेनदेन कॉलेज को अपात्र बात कर पात्र किए जाने के मामले में हुआ है. हालांकि इस पूरे मामले को लेकर सीबीआई ने टीम में शामिल सभी अधिकारियों को हटा दिया है. अब एक नई टीम नर्सिंग कॉलेज मामलों की जांच कर रही है. वहीं एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट भी मनी ट्रेल का लिंक खोज रही है. कैसे कैसे कॉलेज संचालकों और दलालों की मदद से सीबीआई के अधिकारियों तक करोड़ों रुपए पहुंचे थे. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इंस्पेक्टर राहुल राज ने तो अपने दोस्त को ही इस पूरे काम में लगा लिया था. वसूली की रकम राजस्थान में बैठा सीबीआई का अधिकारी का दोस्त संभालता था.
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5 दिन की और डिमांड पर रहेंगे सीबीआई के अधिकारी
29 मई तक सीबीआई के अधिकारी रिमांड पर रहेंगे. फिलहाल तीन से चार दिन तक पूछताछ चली है. जिसमें कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि 5 दिन अभी और बाकी है सीबीआई किसी न किसी और कॉलेज संचालक के साथ सीबीआई की अधिकारियों का लिंक जरूर निकलेगी. क्योंकि 5 दिन के बाद फिर से सीबीआई के रिश्वतखोर अधिकारियों को कोर्ट में पेश करना है. अभी तक सीबीआई की पूछताछ में रिश्वतखोर अधिकारियों ने कबूल किया है कि उन्होंने कॉलेज संचालकों से रिश्वत ली है. वहीं कालेज संचालकों ने भी सीबीआई के अधिकारियों पर गंभीर आरोप पूछताछ के दौरान लगाए हैं. दोनों को सीबीआई आमने-सामने रखकर पूछताछ करेगी.
आशीष प्रसाद को हटाए लेकिन अभी गिरफ्तारी संभव नहीं
राहुल राज और मप्र कैडर के दो अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई कार्रवाई कर चुकी है लेकिन डिप्टी एसपी आशीष प्रसाद को सिर्फ हटाया गया है. लेनदेन से जुड़े हुए कोई साक्ष्य डिप्टी एसपी प्रसाद के खिलाफ नहीं मिले हैं. इसलिए उनकी गिरफ्तारी अभी संभव नहीं है. माना जा रहा है कि पूछताछ के बाद उनकी भूमिका को लेकर सीबीआई नोटिस देकर तलब कर सकती है.