Lok Sabha Election 2024: छठे चरण में कांग्रेस जीरो तो बीजेपी थी हीरो, इस बार अग्निपरीक्षा

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों में से 40 सीटें तो अकेले भाजपा अपने दम पर जीत गई थी. वहीं बसपा को 4 सिर्फ 4 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.
Lok Sabha Election 2024

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Lok Sabha Election 2024:  लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में है. छठे चरण में कुल 58 सीटों पर 25 मई को वोटिंग होने वाली है. पिछले चुनावों के नतीजे को अगर देखें तो इन सीटों पर बीजेपी का दबदबा था. दिल्ली-हरियाणा में पार्टी ने किया था और बाकी राज्यों में भी अच्छी स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी हुई थी. बहरहाल, यह चरण निर्णायक साबित होने जा रहा है. सबसे पहले जान लीजिए कि छठे चरण में कहां-कहां वोटिंग होने वाली है.

राजधानी की सभी सीटों के अलावा इस चरण में शनिवार को उत्तर प्रदेश की 14 सीटों, हरियाणा की सभी 10 सीटों, बिहार और पश्चिम बंगाल की आठ-आठ सीटों, ओडिशा की छह सीटों, झारखंड की चार सीटों और जम्मू कश्मीर की एक सीट पर वोटिंग होगी. सात चरणों के लोकसभा चुनाव में छठे चरण में जिन चर्चित और दिग्गज चेहरों की किस्मत दांव पर लगी है, उनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (करनाल संसदीय क्षेत्र से), जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (अनंतनाग-राजौरी), केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (ओडिशा के संबलपुर से), केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और अभिनेता राज बब्बर (गुरुग्राम), केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर(फरीदाबाद), पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (सुल्तानपुर), मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार (उत्तर पूर्वी दिल्ली) और नवीन जिंदल (कुरुक्षेत्र) से शामिल हैं.

2019 के छठे चरण में 40 सीटें जीत गई थी बीजेपी

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों में से 40 सीटें तो अकेले भाजपा अपने दम पर जीत गई थी. वहीं बसपा को 4 सिर्फ 4 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. वहीं ममता ‘दीदी’ की पार्टी टीएमसी को 4, बीजेडी को 4, जेडीयू की 3 और एलजेपी को एक, आजसू को एक और नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी एक सीट मिली थी.

इस बार इस चरण में बीजेपी के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों की भी अग्निपरीक्षा है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर है टीएमसी. ममता बनर्जी की साख दांव पर लगी है. अब राज्यों के लिहाज से बात करें तो बीजेपी को अपनी बढ़त और भी मजबूत करना है. इस बार पार्टी को यूपी की 14 सीटों पर स्वीप करना पड़ेगा. लेकिन इस बार जमीन पर बदले हुए समीकरणों की वजह से चुनौती ज्यादा बड़ी बन चुकी है। पिछले चुनाव में इन्हीं 14 सीटों में से बीजेपी को 9 पर जीत मिली थी, मायावती की पार्टी को 4 पर जीत मिली थी और सपा सिर्फ एक सीट जीत पाई थी.

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उत्तर प्रदेश, बंगाल और बिहार में दिलचस्प लड़ाई

वहीं अबकी चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी ने चुनावी फिजा को बदलने के लिए कुछ परिवर्तन जरूर किए हैं. वो दलित-ओबीसी फैक्टर पर फोकस कर रही है, बसपा के वोट बैंक में सीधी सेंधमारी की तैयारी है. बिहार की बात करें तो वहां पर पिछली बार एनडीए का पूरा दबदबा था. उसने पांच सीटें अपने नाम की थी और आरजेडी और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था. वहीं झारखंड की चार सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. पिछली बार तो चार सीटों में तीन पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. पश्चिम बंगाल का रण भी इस बार कड़ी चुनौती पेश कर रहा है. बीजेपी जिस महत्वकांक्षी टारगेट के साथ आगे बढ़ रही है, उसके लिए बंगाल में ज्यादा से ज्यादा गेन करना जरूरी है। पिछली बार छठे चरण की बंगाल की 8 सीटों में से बीजेपी 5 पर जीत गई थी और ममता की पार्टी को सिर्फ तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था.

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