Lok Sabha Election 2024: अमेठी-मंडी और वायनाड से लेकर तिरुवनंतपुरम तक…इन सीटों के नतीजों पर रहेगी नजर
Lok Sabha Election 2024: सात चरणों में वोटिंग समाप्त होने के बाद लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाएंगे. इससे पहले तमाम एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए की सरकार बनती नजर आ रही है. हालांकि, मंगलवार को नतीजे आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. वहीं नतीजों से पहले, लोगों की दिलचस्पी उन प्रमुख सीटों पर भी है जहां दिग्गज चुनाव मैदान में हैं. इनमें कुछ सुर्खियां बटोर रहे वे नेता भी हैं जो पहली बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
वाराणसी में नरेन्द्र मोदी बनाम अजय राय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा है. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय से है. साल 2014 में मोदी ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराया था जबकि 2019 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को पराजित किया. कांग्रेस ने 2014 और 2019 में इस सीट से अपने उम्मीदवार अजय राय को मैदान में उतारा था. मोदी से पहले वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी करते थे.
रायबरेली में राहुल गांधी बनाम दिनेश प्रताप सिंह
राहुल गांधी इस बार वायनाड के अलावा रायबरेली से भी चुनाव लड़ रहे हैं जहां उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से हैं. गांधी अमेठी से तीन बार सांसद रहे हैं लेकिन 2019 में उन्हें स्मृति ईरानी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था. राहुल गांधी की मां और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी वर्तमान में रायबरेली से सांसद हैं. हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस बार चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी. साल 1952 से लेकर अब हुए सभी चुनावों में सिर्फ तीन बार ही ऐसे मौके आए जब कांग्रेस को यहां से पराजय का सामना करना पड़ा. साल 1977 में यहां से जनता पार्टी ने जबकि 1996 और 1999 में भाजपा ने जीत दर्ज की.
वायनाड में राहुल गांधी बनाम एनी राजा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का केरल के वायनाड से दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्य मुकाबला भाकपा नेता और महिला अधिकार कार्यकर्ता एनी राजा से है. इस मुकाबले में लोगों की खासी दिलचस्पी देखी गई क्योंकि कांग्रेस और भाकपा दोनों ही ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक हैं. साल 2019 में, गांधी ने सीपीआई के पीपी सुनीर को 4.31 लाख वोटों से हराकर वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी.
अमेठी में स्मृति ईरानी बनाम किशोरी लाल शर्मा
कभी गांधी परिवार का गढ़ रहे अमेठी में पिछले दो लोकसभा चुनावों में कड़ा मुकाबला देखने को मिला है. साल 2019 में राहुल गांधी से सीट छीनने वाली भाजपा की स्मृति ईरानी इस निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ रही हैं जबकि कांग्रेस ने गांधी परिवार के करीबी सहयोगी किशोरी लाल शर्मा को मैदान में उतारा है. 25 साल में यह पहली बार है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ा.
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में मनोज तिवारी बनाम कन्हैया कुमार
दिल्ली की इस सीट पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के सामने दो बार से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के वर्तमान मनोज तिवारी हैं. कांग्रेस दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही है लेकिन कन्हैया की राह आसान नहीं नजर आ रही है. वहीं मनोज तिवारी इस चुनाव में जीत दर्ज कर अपनी हैट्रिक पूरी करने के दावे कर रहे हैं.
मंडी में कंगना रनौत बनाम विक्रमादित्य सिंह
बॉलीवुड एक्ट्रेस और भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. यहां से कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह चुनाव मैदान में हैं. चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच खूब जुबानी हमले देखने को मिले हैं. ऐसे में देखना होगा कि मंडी में जीत किसे मिलती है.
तिरुवनंतपुरम में शशि थरूर बनाम राजीव चंद्रशेखर
मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर तिरुवनंतपुरम से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं. उनका सामना भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर से है. वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी कोशिश केरल में भाजपा का खाता खोलने की है. भाकपा के पन्नयन रवींद्रन ने भी यहां से चुनाव लड़ा है. उन्होंने 2005 में इस सीट से जीत दर्ज की थी.
बहरामपुर में अधीर रंजन चौधरी बनाम यूसुफ पठान
पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है. इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. वर्तमान में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष चौधरी ने 1999 में पहली बार इस सीट से चुने जाने के बाद से पांच बार बहरामपुर का सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया है. वह इस निर्वाचन क्षेत्र से छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं.
नई दिल्ली में सोमनाथ भारती बनाम बांसुरी स्वराज
भाजपा ने इस सीट से दो बार की सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी (आप) ने मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती को मैदान में उतारा है. राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन है. इस लिहाज से यहां के मुकाबले को बेहद दिलचस्प माना जा रहा है.
राजनांदगांव में भूपेश बघेल बनाम संतोष पांडे
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव लोकसभा सीट से अपने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है. राजनांदगांव तीन दशक से अधिक समय तक भाजपा का गढ़ रहा है. तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह के गढ़ के रूप में इस संसदीय क्षेत्र को देखा जाता है. बघेल का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद संतोष पांडे से है. भाजपा 2009 के बाद से इस सीट पर नहीं हारी है. कांग्रेस ने परंपरा तोड़ने और भाजपा के गढ़ से जीत हासिल करने की कोशिश में अपने एक मजबूत उम्मीदवार को उतारा है.
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चुरु में राहुल कस्वां और देवेंद्र झांझरिया
चुरू से दो बार के सांसद राहुल कस्वां ने चुनाव से पहले भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस ने उन्हें उसी सीट से मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार पैरालंपिक चैंपियन देवेंद्र झाझरिया से है. पद्म भूषण से सम्मानित झांझरिया भाला फेंक प्रतियोगिता में दो बार के पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता और एक बार के रजत पदक विजेता हैं.
छिंदवाड़ा में नकुल नाथ बनाम विवेक ‘बंटी’ साहू
छिंदवाड़ा में मुकाबला नकुल नाथ बनाम विवेक ‘बंटी’ साहू है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले साहू ने इस लोकसभा चुनाव में मौजूदा सांसद नकुल नाथ को खासी चुनौती दी है. छिंदवाड़ा को चार दशकों से अधिक समय से कांग्रेस के दिग्गज नेता और नौ बार के सांसद कमल नाथ का गढ़ माना जाता है. नकुल नाथ कमल नाथ के पुत्र हैं.
शिवमोगा में बी वाई राघवेंद्र बनाम के एस ईश्वरप्पा
कर्नाटक की शिवमोगा लोकसभा सीट को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के परिवार का किला माना जाता है. हालांकि, इस बार यह नाटकीय मोड़ के लिए पूरी तरह तैयार है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले केएस ईश्वरप्पा शिवमोगा लोकसभा सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई राघवेंद्र के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.