MP News: विंध्य में HIV संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी, मरीजों के मामले में सतना अव्वल

MP News: सतना जिले में 2002 से लेकर अब तक जितने भी एड्स परीक्षण कराए गए उसमें 850 से ज्यादा एचआईवी संक्रमित लोग पाए गए हैं.
There has been a terrible increase in HIV victims in Satna.

सतना में एचआइवी पीड़ितों में भयानक उछाल आया है.

MP News: विंध्य में एड्स रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ गई है. सबसे ज्यादा विंध्य में सतना जिले में एचआईवी संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ी है. रीवा संभाग के ग्रामीण आंचल के ज्यादातर युवा मुंबई, सूरत, गुजरात सहित बड़े शहरों में काम के लिए जाते हैं. एड्स के ज्यादातर मरीज ऐसे ही परिवार में मिले हैं.

चलाया जाएगा जागरुकता अभियान

प्रदेश के 10 जिलों में एचआइवी संक्रमण में अचानक वृद्धि सामने आई है. सतना में तो एचआइवी पीड़ितों में भयानक उछाल आया है. यहां एक साल में 98 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. यह खुलासा राज्य एड्स नियंत्रण समिति भोपाल को जिलों से भेजे आंकड़ों से हुआ है. इसको लेकर 12 अगस्त से जागरुकता अभियान अब स्वास्थ्य विभाग ने सतना समेत मध्य प्रदेश के इन 10 जिलों में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के निर्देश पर 12 अगस्त से जागरुकता अभियान चलाया जाएगा. इसमें जनसामान्य को एचआइवी की संपूर्ण जानकारी देकर जागरुकता गतिविधियां की जाएंगी. एचआइवी संक्रमण के कारणों एवं उनसे संबंधित जोखिम के बारे में हर व्यक्ति को शिक्षित किया जाएगा.

सतना जिले में 2002 से लेकर अब तक जितने भी एड्स परीक्षण कराए गए उसमें 850 से ज्यादा एचआईवी संक्रमित लोग पाए गए हैं. पिछले एक वर्ष में लगभग 127 एचआईवी पॉजिटिव सतना जिले में दर्ज किए गए हैं. वहीं अगर साल 2024 की बात करें तो जनवरी से लेकर जुलाई तक 50 एचआईवी पॉजिटिव सतना जिले में दर्ज किए गए हैं जिनमें से 450 रोगी अभी भी ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है.

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जागरूकता के बना है नियम

एचआईवी एड्स से जागरूकता के लिए एक्ट 2017 बनाया गया था. जो एचआईवी पॉजिटिव लोगों को भी समाज में समानता का अधिकार देता है. यह अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी इंसान को जिसे एचआईवी स्टेटस से जुड़ी जानकारी हो उसे गुप्त रखा जाए अथवा एचआईवी संक्रमित संबंधी सूचना देने के लिए मजबूर ना किया जाए. यह अधिनियम यह भी सुनिश्चित करता है की एचआईवी जांच से पहले और बाद में काउंसलिंग की जाए और सहमत लिए बिना इलाज या किसी भी और तरीके से मेडिकल हस्तक्षेप नहीं किया जाए.

यह नियम किसी भी जगह या हालत में एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के साथ होने वाले किसी भी तरह के भेदभाव या बुरे बर्ताव पर रोक लगाता है. क्योंकि एचआईवी रक्त या रक्त उत्पादों में फैलने वाले संक्रमण है. स्वास्थ्य संस्थानों में एचआईवी संक्रमण का खास खतरा बना रहता है इसलिए यह अधिनियम ऐसे संस्थानों में एक सुरक्षित कार्य स्थल व वातावरण बनाने के लिए सुनिश्चित करता है कि एचआईवी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जहां विशेष ध्यान रखा जाए और सावधानी भी बरती जाए.

रीवा जिले में एचआईवी संक्रमण को बढ़ाने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के 45 कॉलेज को रेड रिबन क्लब के रूप में चिन्हित किया गया है. और उनको प्रतिवर्ष 7000 रुपए का अनुदान भी दिया जाता है इसके अलावा रीवा में 12 आईसीटी केंद्र बनाए गए हैं. जहां एचआईवी की जांच निशुल्क की जाती है रीवा जिले में 2009 के मुकाबले एचआईवी संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी जरूर आई है लेकिन प्रदेश में रीवा अभी भी शीर्ष के जिलों में गिना जाता है जिसको रोकथाम के लिए तमाम प्रयास भी किया जा रहे.

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