MP में स्वामित्व योजना के हाल- चार साल में सिर्फ 15 हजार गांवों में बंट पाए संपत्ति कार्ड, एक साल में 40 हजार गांवों में बांटने की चुनौती

MP News: भोपाल जिले में भी स्वामित्व योजना में स्वामित्व कार्ड बांटे जा रहे हैं. जिले में कुल 614 गांव हैं. इनमें से 500 से ज्यादा गांवों में स्वामित्व कार्ड का वितरण किया जा चुका है.
PM Swamvitya Yojana (Photo- Social Media)

पीएम स्वामित्व योजना (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल पहले स्वामित्व योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के अंतर्गत देश भर के 6 लाख से अधिक गांवों में लोगों को स्वामित्व कार्ड बांटने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के जरिए भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले परिवार अपनी भूमि का मालिकाना हक प्रदान कर जमीन की प्रॉपर्टी के रूप में स्वामित्व कार्ड दिया जाना है.

मध्य प्रदेश उन नौ राज्यों में शामिल हैं, जहां पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना शुरू हुई थी. योजना की शुरुआत में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांवों के लोगों को जमीन का मालिकाना हक देने को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. कई स्थानों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को स्वामित्व कार्ड भी बांटे गए, लेकिन समय के साथ योजना ठंडी पड़ गई. अब इस योजना के क्रियान्वयन पर डॉ. मोहन यादव सरकार का कोई फोकस नहीं है. इसके अलावा अधिकांश मामलों में सर्वे कार्य में देरी हो रही है. इधर, जनता की रुचि भी संपत्ति का सर्वे कराने में नहीं है. यही वजह है कि स्वामित्व योजना में उम्मीद के मुताबिक प्रगति नहीं हो पाई है. प्रदेश में एक साल में 55 हजार गांवों में से 40 हजार गांवों में लोगों को स्वामित्व कार्ड प्रदान किए जाने हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल, 2020 को पंचायती राज दिवस के मौके पर स्वामित्व योजना शुरू की थी. योजना में भारत सरकार द्वारा गांवों की ड्रोन के माध्यम से मैपिंग की जाएगी.

36 फीसदी ही लोगों को मिला स्वामित्व कार्ड

भोपाल जिले में भी स्वामित्व योजना में स्वामित्व कार्ड बांटे जा रहे हैं. जिले में कुल 614 गांव हैं. इनमें से 500 से ज्यादा गांवों में स्वामित्व कार्ड का वितरण किया जा चुका है. चार साल हो गए, लेकिन अब तक 55 हजार में से सिर्फ 15 हजार गांवों (36 प्रतिशत) में ही लोगों को स्वामित्व कार्ड बांटे जा सके हैं. इस तरह एक साल में 40 हजार गांवों में स्वामित्व कार्ड बांटने की बड़ी चुनौती सरकार के सामने है। स्वामित्व योजना वर्ष 2025 तक चलेगी.

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रिकॉर्ड और राजस्व विभाग के नक्शों का मिलान नहीं हुआ

मंत्रालय के सूत्रों का कहना है मध्य प्रदेश में भू सर्वेक्षण विभाग की ओर से किए गए ड्रोन सर्वे के रिकॉर्ड और राजस्व विभाग के नक्शों का मिलान नहीं किया गया है. योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को अपनी भूमि को बेचने एवं खरीदने में आसानी होगी, स्वामित्व कार्ड के माध्यम से भूमि की खरीद एवं बिक्री आसानी से की जा सकेगी। ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले स्वामित्व पत्र के माध्यम से बैंकों के जरिए लोन प्राप्त कर सकते हैं, जिस तरह शहरी क्षेत्र में रजिस्ट्री पर लोन प्रदान किया जाता है.

स्वामित्व योजना से यह फायदा होगा

योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों से संपत्ति कर प्राप्त करना आसान हो जाएगा.

ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को अपनी जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा.

जमीन का मालिक स्वामित्व कार्ड प्राप्त कर इसके जरिए बैंक से लोन प्राप्त कर सकेंगे.

सरकार के पास ग्रामीण क्षेत्र में मालिकाना हक वाले नागरिकों का डाटा तैयार हो जाएगा.

ग्राम पंचायत को विभिन्न कार्यों के लिए स्वामित्व कार्ड धारी व्यक्तियों से प्राप्त कर राशि का इस्तेमाल सुचारू रूप से किया जा सकेगा.

स्वामित्व कार्ड के माध्यम से ग्राम पंचायत को आवास योजना के अंतर्गत लाभार्थी परिवार चुनने में आसानी होगी.

योजना के माध्यम से जमीन विवाद को सुलझाया जा सकेगा एवं इसमें कमी आएगी.

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