Kolkata Doctor Case: डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, 5 सितंबर को अगली सुनवाई

देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पेशेवरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है.
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सुप्रीम कोर्ट(फाइल फोटो)

Kolkata Doctor Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. पीठ ने CBI के सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत मामले की स्थिति रिपोर्ट की जांच की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को कई निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए तंत्र स्थापित हो. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव  राज्य के सीएस और डीजीपी के साथ बैठक करे.

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुआ है. वहीं सीजेआई ने कहा कि 30 सालों में ऐसी लापरवाही नहीं देखी.बंगाल पुलिस की भूमिका संदिग्ध है. वहीं मामले की सुनवाई करते हुए डॉक्टरों से सीजेआई ने अपील की कि आप लोग काम पर लौट जाएं. मरीजों को परेशानी हो रही है. इसके बाद अब AIIMS के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है.

कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए 22 अगस्त को सीबीआई से अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा था. सीबीआई को अस्पताल में भीड़ द्वारा की गई तोड़फोड़ की भी जांच करनी थी और सभी विवरण उपलब्ध कराने थे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को ठीक से न संभालने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की और उनसे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल में घुसी भीड़ पर भी रिपोर्ट पेश करने को कहा. पीठ ने कोलकाता पुलिस से पूछा कि पोस्टमार्टम करने के बाद अप्राकृतिक मौत का मामला क्यों दर्ज किया गया. इस बीच, सीबीआई ने लगातार छठे दिन आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ की.

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NTF का गठन

देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पेशेवरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है. सुनवाई के दौरान, CJI ने कहा कि NTF के पास डॉक्टरों की गुमनाम शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल होना चाहिए, जो अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं. CJI ने रेजिडेंट डॉक्टरों को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को NTF द्वारा सुना जाएगा और उनसे वास्तविक प्रतिनिधित्व की कोई आवश्यकता नहीं है. डॉक्टरों के संगठन, जो अब तक हड़ताल कर रहे हैं, ने NTF को सूचित करने और सहयोग करने का वादा किया है और इस मुद्दे पर एक केंद्रीय कानून बनाने की भी मांग की है. टास्क फोर्स को तीन सप्ताह के भीतर एक अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर एक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है.

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