“वह हमारे भगवान हैं, मैं सिर झुकाकर…”, महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर पीएम मोदी ने मांगी माफी
Shivaji Maharaj Statue: पीएम मोदी ने पिछले साल स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने की घटना पर शुक्रवार को माफी मांगी. पिछले साल 4 दिसंबर को पीएम मोदी द्वारा 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची मूर्ति 26 अगस्त की दोपहर को ढह गई थी. इस घटना के बाद से विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर निशाना साधा.
सिर झुकाकर माफी मांगता हूं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र के पालघर में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज उनके लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं. उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं. आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें और उनका अपमान करते रहें. वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं.”
#WATCH | Palghar, Maharashtra: PM Narendra Modi speaks on the Chhatrapati Shivaji Maharaj’s statue collapse incident in Malvan
He says, “…Chhatrapati Shivaji Maharaj is not just a name for us… today I bow my head and apologise to my god Chhatrapati Shivaji Maharaj. Our… pic.twitter.com/JhyamXj91h
— ANI (@ANI) August 30, 2024
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इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार को मालवन में राजकोट किले का दौरा किया, जहां मूर्ति ढह गई थी और उसी स्थान पर योद्धा राजा की भव्य संरचना बनाने का संकल्प लिया. एक्स पर एक पोस्ट में पवार ने शिवाजी को महाराष्ट्र का गौरव और स्वाभिमान बताया. पवार ने कहा, “बहुत जल्द, उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी. यह मेरा वचन है.” बुधवार को पवार ने मुंबई से लगभग 480 किलोमीटर दूर तटीय सिंधुदुर्ग जिले की मालवन तहसील में स्थापित संरचना के ढहने के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगी.
शिवाजी महाराज की मूर्ति ढही
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति 26 अगस्त को ढह गई. पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर मूर्ति का उद्घाटन किया था. उन्होंने किले में समारोह में भी भाग लिया था. इस बीच, मूर्ति ढहने की घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने महाराष्ट्र में महायुति सरकार पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की.