MP News: बांधवगढ़ नेशनल पार्क का मामला, दिल्ली की नाराजगी पर अवकाश के दिन भी खुला ऑफिस, आनन-फानन में एफडी की पोस्टिंग
बांधवगढ़ नेशनल पार्क (फोटो- सोशल मीडिया)
MP News: बांधवगढ़ नेशनल पार्क उमरिया में आखिरकार वन विभाग ने क्षेत्र संचालक की आनन-फानन में पदस्थापना कर दी. यह पद पिछले एक साल से शहडोल सीएफ के पास प्रभार के तौर पर चल रहा था. सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार रविवार को केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बात की थी.
इस बात को लेकर असंतोष जताया कि नेशनल पार्क में बाघों के मरने के बाद भी फील्ड डायरेक्टर की पोस्टिंग नहीं हुई है. एनटीसीए भी बार-बार कह रहा है फिर भी गंभीरता नहीं जा बरती जा रही. इसके दो घंटे के भीतर ही पदस्थापना के आदेश जारी हो गए यहां उत्तर शहडोल के वन संरक्षक गौरव चौधरी को फील्ड डायरेक्टर बनाया गया है. पिछले दिनों बांधवगढ़ पार्क में तीन साल में 34 बाघों की मौत हो चुकी है.
मध्य प्रदेश में बाघों की मौत को लेकर अक्सर आरटीआई एक्टिविस्ट और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने सरकार को कई मुद्दों पर सुझाव दिए. यहां तक की मध्य प्रदेश के शिवपुरी में चीतों की मौत को लेकर भी वन विभाग की लापरवाही उजागर कर किया. इसके बाद भी कोई ठोस एक्शन सरकार ने नहीं लिया है.
3 साल में 34 बाघों की मौत
उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन साल में 34 बाघों की मौत हुई. इनमें दस बाघों का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था. इसकी शिकायत होने पर एनटीसीए ने एसआईटी गठित करते हुए जांच कराने के निर्देश दिए थे. एसआईटी ने जांच में प्रबंधन को दोषी माना और कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की. जांच रिपोर्ट जुलाई माह के पहले शासन को सौंपी गई थी.
सदस्य सचिव ने ली थी क्लास
एनटीसीए में प्रोजेक्ट टाइगर के एडीजीएफ एवं सदस्य सचिव डॉ. गोविंद सागर भारद्वाज 22 अगस्त तो भोपाल आए थे. उन्होंने बाघों की मौतों और फील्ड डायरेक्टर नहीं होने पर नाराजगी जताई थी. वन्यप्राणी पीसीसीएफ वीके अंबाडे का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर तीन अफसरों को नोटिस दिए गए थे. वहीं तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर अन्निगिरी ने जवाब में कहा है कि वे पहले से ही विभाग को लिखते रहे कि स्टाफ नहीं है.