पीएम मोदी ने टाइम मैनेजमेंट के मंत्र भी दिए. उन्होंने कहा, “आज का छात्र वही है जो अपने वक्त की क़ीमत समझे.” उन्होंने कहा कि परीक्षा का तनाव असल में हमारी मानसिकता का नतीजा है. अगर आप खुद को शांत रखते हुए अपना ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर केंद्रित करें, तो तनाव अपने आप गायब हो जाएगा.
27 साल बाद दिल्ली में सत्ता पाने के बाद बीजेपी इस बार बड़े फैसले लेने जा रही है. लेकिन सवाल यह है कि यह बड़ा फैसला किसके पक्ष में जाएगा? क्या बीजेपी दिल्ली में जाट, पंजाबी, पूर्वांचल, पहाड़ी, या महिला को मौका देगी?
अब बात करते हैं इंडिया गठबंधन के भविष्य की, जिसे दिल्ली चुनाव के बाद से लेकर कई बार सवालों के घेरे में देखा गया है. कांग्रेस और AAP के बीच के संघर्ष ने इस गठबंधन की एकजुटता और सामूहिक लक्ष्य को पूरी तरह से चुनौती दी है. जब दो प्रमुख दल आपस में लड़ रहे थे, तो भाजपा को इस लड़ाई में आसानी से फायदा हुआ और उसका राजनीतिक ग्राफ बढ़ा.
7 फरवरी से ही साधु-संतों का काशी की ओर रुख करना शुरू कर दिया है. ये साधु-संत महाशिवरात्रि तक काशी के विभिन्न घाटों पर प्रवास करेंगे. इन घाटों का विशेष महत्व है, जैसे निरंजनी घाट, महानिरवानी घाट, जूना घाट आदि. यहां पर अलग-अलग अखाड़े के साधु-संत अपने-अपने नाम से प्रसिद्ध स्थानों पर ठहरते हैं और वहां भगवान शिव की आराधना करते हैं.
एन. बीरेन सिंह का इस्तीफा एक ऐसे समय में आया है जब मणिपुर विधानसभा सत्र 10 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलें थीं. इसके अलावा, मुख्यमंत्री और उनके कुछ मंत्रियों के इंफाल से बाहर जाने के बाद यह अफवाहें भी उड़ीं कि वे दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने गए हैं.
Delhi Election Result: 11 साल, 3 लोकसभा चुनाव और 2 विधानसभा चुनावों के बाद भी कांग्रेस दिल्ली में अपनी पहचान क्यों नहीं बना पाई? अगर इस सवाल का जवाब ढूंढें तो जो सबसे पहले खड़ा होता है, वह है कांग्रेस की ‘आदतन गलती’ और नितांत निर्णय न लेने की बीमारी. दिल्ली चुनाव 2025 में एक […]
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में अरविंद केजरीवाल की जीत के बाद उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था. वो सोचने लगे थे कि दिल्ली में अब उनकी पार्टी को कोई चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों को उन्होंने खारिज कर दिया था. लेकिन ये सोचते हुए वे भूल गए कि राजनीति में आराम करना, खतरनाक हो सकता है.
हृदयनाथ मंगेशकर का सपना छोटा सा था—किसी बड़े रेडियो स्टेशन में संगीतकार बनने का. 17 साल की उम्र में उन्हें ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी मिल गई, और 500 रुपये मासिक वेतन उनके लिए किसी ख्वाब से कम नहीं था.
Apple ने इस टेक्नोलॉजी के लिए अब तक 95,000 से ज़्यादा पेटेंट दायर किए हैं, जिनमें से 78,104 अभी भी एक्टिव हैं. यानी यह Apple का बड़ा और दमदार कदम है.
Exit Polls: मतदान के बाद एग्जिट पोल्स ने दिल्ली की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है. AAP लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की उम्मीदें लिए चुनावी मैदान में है, वहीं भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए 27 साल बाद एक बार फिर कोशिश करती नजर आ रही है. कांग्रेस भी इस त्रिकोणीय मुकाबले में अपनी खोई हुई साख को फिर से हासिल करने की जुगत में है.