रिंकू और प्रिया के बीच धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी और एक दूसरे से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ. दोनों के बीच समय के साथ आपसी समझ और आत्मीयता का बंधन मजबूत हुआ. इसके बाद, दोनों ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में खुलकर बात की और शादी को लेकर विचार करना शुरू किया.
AAP ने यह भी कहा कि पहले ही गृह मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल को सुरक्षा खतरे के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन यह चेतावनी केवल यह बताती थी कि केजरीवाल को खतरा है, यह नहीं बताया गया था कि यह खतरा बीजेपी के गुंडों से है.
इससे पहले कंगना की तीन फिल्में – 'तेजस', 'धाकड़', और 'थलाइवी' भी बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षित सफलता हासिल करने में विफल रही थीं. 'तेजस' ने जहां पहले दिन महज 1.25 करोड़ रुपये की कमाई की थी, वहीं 'धाकड़' और 'थलाइवी' भी दर्शकों को आकर्षित करने में असफल रहीं.
धीरे-धीरे, चन्द्रकांत का बदला लेने का तरीका और भी खौ़फनाक होता चला गया. उसने कुछ खास लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया, खासकर उन लोगों को जिन्हें वह जानता था. उनका अपहरण करना और फिर अपराध की गहरी काली दुनिया में डूबना, उसकी ज़िंदगी का हिस्सा बन गया.
जब NGT ने मामले की जांच का आदेश दिया, तो यह मामला Google सैटेलाइट इमेज के माध्यम से उजागर हुआ. साल 2021 की Google इमेज से यह पता चला कि इन तीन प्लॉट्स पर सात पेड़ खड़े थे, जो अब गायब थे
Delhi Election 2025: भारत की राजनीति में लगातार बदलाव हो रहे हैं, और एक नया सवाल सामने आ रहा है कि क्या INDIA ब्लॉक (Indian National Developmental Inclusive Alliance) का अस्तित्व संकट में है? दिल्ली चुनावों के बीच कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ती टकराव की स्थिति और अन्य घटक दलों के बढ़ते असंतोष ने […]
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने जो चुनावी वादे किए हैं, उनमें एक अहम रणनीति नजर आ रही है—वह है आम आदमी पार्टी (AAP) की यूएसपी (Unique Selling Proposition) यानी 'मुफ्त सुविधाओं' को छीनने की कोशिश.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न रैन बसेरों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने वहां ठंड से बचने के लिए जरूरतमंदों को कंबल और भोजन वितरित किया.
महाकुंभ में विभिन्न जातियों और वर्गों के लोग संगम में एक साथ स्नान कर रहे हैं, और इस सांस्कृतिक मेलजोल को सामाजिक समता का सबसे बड़ा उदाहरण बताया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ ने इसे “आस्था, समता और एकता का महासमागम” कहा है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भगवा वस्त्रों को लेकर भी एक अहम सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भगवा वस्त्र केवल उन लोगों को पहनने का अधिकार होना चाहिए, जिन्होंने संन्यास की दीक्षा ली है.