Republic Day: 8 साल बाद कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी, दिखेगी बोधि वृक्ष की छांव में प्राचीन नालंदा की झलक

Republic Day: फुल ड्रेस रिहर्सल पर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी ये झांकी बिहार की है. जिसे 8 साल बाद दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में जगह मिली है. बिहार की इस झांकी में ज्ञानभूमि नालंदा की प्राचीन विरासत और उसके संरक्षण के प्रयास को दर्शाया गया है.
Bihar Tableau

8 साल बाद दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी बिहार की झांकी

Republic Day: दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की कुल 26 झांकियां दिखेंगी. जिसे देखने 77 हजार लोग कर्तव्य पथ पर आएंगे। इसके अलावा देश भर के लोग टीवी पर इसका सीधा प्रसारण देखेंगे. इस बार गणतंत्र परेड में एक झांकी ऐसी है जिसे 8 साल पर कर्तव्य पथ पर देखा जाएगा. फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान ये झाँकी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गई थी. अब 77 हजार दर्शक सहित राष्ट्रपति, पीएम और सभी अतिथित इसके आकर्षण के साक्षी बनेंगे.

फुल ड्रेस रिहर्सल पर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी ये झांकी बिहार की है. जिसे 8 साल बाद दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में जगह मिली है. बिहार की इस झांकी में ज्ञानभूमि नालंदा की प्राचीन विरासत और उसके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से बिहार को पुन: शिक्षा के मानचित्र पर वैश्विक रूप में स्थापित करने के प्रयास को दर्शाया गया है.

इसके साथ ही 8 साल बाद कर्तव्य पथ पर चलने वाली इस झांकी में भगवान बुद्ध की अलौकिक और भव्य मूर्ति के साथ बोधि वृक्ष की छांव में प्राचीन नालंदा की झलक दिखाई गई है. इसके साथ ही घोड़ा कटोरा झील को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने के अनूठे प्रयास को भी दर्शाया गया है. झांकी के अग्र भाग में बोधिवृक्ष इस बात का संदेश दे रही है कि इसी धरती से ज्ञान का प्रकाश संपूर्ण विश्व में फैला है.

झांकी भगवान बुद्ध पर केंद्रित

बिहार की झांकी में प्रदेश की समृद्ध ज्ञान और शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया है. इस झांकी में भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है, जो शांति का संदेश दे रहे हैं. भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है. जहां हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट आते हैं. साल 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है.

यह भी पढ़ें: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! गणतंत्र दिवस पर बदली Delhi Metro की टाइमिंग, ये स्टेशन रहेंगे बंद

प्राचीन व समृद्ध विरासत

झांकी में प्राचीन नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया है, जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहां ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे. नांलदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं. इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्द्धन भारतीय सांस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है. बिहार सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से नालंदा का प्राचीन गौरव पुर्नस्थापित हो रहा है. झांकी में बिहार की प्राचीन एवं समृद्ध विरासत को भित्ति चित्रों के माध्यम से भी उकेरा गया है.

ज़रूर पढ़ें