NEET Controversy: सवालों के घेरे में 9 परीक्षार्थी, सॉल्वर गैंग के पास मिले थे रोल कोड, EOU ने पूछताछ के लिए बुलाया

NEET Controversy: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि नीट परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षार्थियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है.

सवालों के घेरे में 9 परीक्षार्थी

NEET Controversy: देशभर में नीट-यूजी परीक्षा को लेकर हल्ला मचा हुआ है. छात्र धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. इस बीच बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने नौ परीक्षार्थियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है. साथ ही परीक्षार्थियों के अभिभावकों को भी EOU दफ्तर बुलाया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि इन सभी से सॉल्वर गैंग से उनके जुड़ाव के बारे में सवाल किया जाएगा.

बता दें कि बिहार आर्थिक अपराध इकाई नीट पेपर लीक के दावों की जांच कर रही है. इस दौरान अबतक की छानबीन में सॉल्वर गैंग के पास 13 परीक्षार्थियों के रोल कोड मिले हैं, जिसमें से चार को पुलिस ने पेपर लीक के समय ही गिरफ्तार कर लिया था, बाकी 9 परीक्षार्थियों के बारे में जानकारी के लिए EOU ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को पत्र लिखा था. EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि एजेंसी ने अपने जवाब में मांगे गए परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र भेजा था, जिसके जरिये EOU को परीक्षार्थियों के मोबाइल नंबर और पते की जानकारी मिली. इसी पते पर नोटिस भेजकर परीक्षार्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

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उधर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि नीट परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षार्थियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. प्रधान ने कहा, “मैं परीक्षार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी बच्चे के करियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा. इस मामले से जुड़े तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी. नीट की काउन्सलिंग प्रक्रिया शुरू होने जा रही है और अब इस दिशा में भ्रमित हुए बिना आगे बढ़ने की आवश्यकता है.”

NTA ने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की थी. इस दौरान एनटीए ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि 1563 अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई थी, जिन्हें नीट-यूजी की परीक्षा में बैठने के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए ‘ग्रेस मार्क्स’ दिए गए थे. समिति ने सभी 1563 अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड रद्द करने का फैसला किया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इन सभी छात्रों के पास अब दोबारा परीक्षा देने का विकल्प होगा, लेकिन ये अनिवार्य नहीं है. जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते, उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के उनके ओरिजनल मार्क्स दिए जाएंगे. एनटीए ने कहा कि परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे.

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