प्रशांत किशोर की ‘फाइव स्टार राजनीति’! जानिए क्या है Vanity Van का पंजाब और 25 लाख वाला कनेक्शन
प्रशांत किशोर
Bihar Politics: आजकल बिहार के गांधी मैदान में चल रहे प्रशांत किशोर के आमरण अनशन को लेकर राजनीति गर्म है. यह अनशन कोई साधारण मुद्दा नहीं है, बल्कि इस बार यह एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है, खासकर उनके लग्जरी वैनिटी वैन के चलते. अब बात करते हैं उस वैनिटी वैन की, जिसने इस आमरण अनशन को और ज्यादा सुर्खियों में ला दिया है. वैसे तो वैनिटी वैन फिल्मी सितारों और बड़े लोगों के लिए होती है, लेकिन यह अब प्रशांत किशोर को लाइम लाइट में ला दिया है. वैन में पूरी तरह की लक्जरी सुविधाएं जैसे शयनकक्ष, भोजन, और सभी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं. ये सारी चीजें गांधी मैदान में अनशन करते वक्त क्यों जरूरी थीं, यह सवाल उठ रहा है.
बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि इस वैन का किराया एक दिन का 25 लाख रुपये है! यह सुनकर बहुतों को यकीन नहीं हो रहा कि कोई आमरण अनशन के दौरान ऐसी महंगी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकता है. उनका कहना है कि जब एक नेता खुद इस तरह की विलासिता में रह रहा हो, तो वो कैसे जनता के दर्द को समझ सकता है?
नीरज कुमार का कटाक्ष
नीरज कुमार ने इसे ‘फाइव स्टार राजनीति’ करार दिया और कहा कि यह राजनीति की असलियत से कोसों दूर है. ऐसे लोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए छात्रों और जनता की भावनाओं से खेलते हैं. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी नेता का वैनिटी वैन इतना महंगा है, तो वो कैसे छात्रों की मदद कर सकता है, जिनकी हालत दयनीय है? उन्होंने कहा, ऐसे नेता सिर्फ अपने फायदे के लिए आंदोलन करते हैं, और जनता को सिर्फ धोखा देते हैं.”
बीपीएससी परीक्षा पर भी तंज
नीरज कुमार ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले बिहार में 70वीं बीपीएससी परीक्षा के कुछ केंद्रों पर पेपर रद्द हो गए थे. इस पर कई राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बना लिया था. लेकिन नीरज कुमार ने साफ किया कि आज परीक्षा बिना किसी परेशानी के शांतिपूर्वक हुई. उन्होंने बताया कि 8,111 एडमिट कार्ड डाउनलोड हुए थे और 5,946 छात्रों ने परीक्षा दी. उन्होंने कहा कि ये सभी छात्र किसी भी बहकावे में नहीं आए और शांतिपूर्वक अपनी परीक्षा दी.
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि अगर गड़बड़ी पाई जाती है, तो बिहार सरकार छात्रों के हक में कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी नेता को छात्रों के मुद्दे को राजनीति के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.
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क्या सच्चा नेता वही है जो दिखावा करे?
इस पूरे मामले से यह साफ होता है कि राजनीति में सच्चाई और दिखावे का फर्क क्या होता है. प्रशांत किशोर का अनशन और उनका वैनिटी वैन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या असली नेता वही होता है जो दिखावे में रहता है या वही जो अपने जीवन में साधारण और जनता के बीच रहता है?
राजनीति में जो भी होता है, उसका असर आम आदमी पर पड़ता है. एक तरफ जहां कुछ लोग जनता की सच्ची समस्याओं के समाधान के लिए काम करते हैं, वहीं कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए संघर्षों का फायदा उठाते हैं. इस पूरे मुद्दे में यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर कोई नेता वाकई जनता की भलाई के लिए काम करना चाहता है, तो उसे अपनी जीवनशैली भी वैसी रखनी चाहिए, जिससे जनता को लगे कि वह उनके दर्द और संघर्ष को समझता है.
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन और उनका वैनिटी वैन आजकल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां एक तरफ वे समाज सुधार की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी आलीशान वैन और लग्जरी लाइफस्टाइल को लेकर सवाल उठ रहे हैं. नीरज कुमार और बीजेपी के कई नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रपंच करार दिया है, और इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.