Bilaspur: पुलिस ग्राउंड में बैरक निर्माण पर रोक की मांग खारिज, इंतजामिया कमेटी की याचिका पर HC ने की सुनवाई
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट, बिलासपुर
Bilaspur: बिलासपुर पुलिस ग्राउंड स्थित पुलिस लाइन में बिलासपुर पुलिस द्वारा बैरक का निर्माण किया जा रहा है. इसके विरोध में इंतजामिया कमेटी ने एक याचिका दायर करते हुए रोक लगाने की मांग की थी. अब इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्टे देने से इंकार कर दिया है. जानें क्या है पूरा मामला-
हाई कोर्ट ने स्टे देने से किया इंकार
पुलिस ग्राउंड स्थित मजार के पास पुलिस के बैरक निर्माण के खिलाफ याचिका लगाते हुए इसे मजार वाले बाबा की संपत्ति बताते हुए यहां धार्मिक आस्था का केंद्र बता स्टे की मांग की गई थी. बिलासपुर कलेक्टर ने शपथ पत्र पेश कर इसे पुलिस विभाग की जमीन बताया था. कलेक्टर के शपथ पत्र को सही मान स्टे ऑर्डर देने से अदालत ने इंकार कर दिया.
जानें क्या है पूरा मामला
बिलासपुर के सिविल लाईन थाने के सामने पुलिस ग्राउंड में पुलिस लाईन स्थित है. इसके एक छोर में मदार शाह बाबा की मजार स्थित है. देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ समय बाद मदार शाह बाबा का इंतकाल हुआ और उन्हें यहां दफनाया गया था. इसके अलावा यहां हजरत जाकिर शाह और हजरत भोले पीर की भी मजार है. उनके अनुयायी यहां उनकी याद में मजार बना उनकी इबादत शुरू करते हैं. यह मुस्लिम समाज की आस्था का बड़ा केंद्र है. बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग यहां आते हैं. पुलिस ग्राउंड में उर्स का भी आयोजन किया जाता है. यहां बाबा की मजार के पास पुलिस विभाग द्वारा शस्त्रागार रखने और पुलिस जवानों के रहने हेतु कंस्ट्रक्शन का कार्य करवाया जा रहा है, जिसके खिलाफ इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्माण कार्य रुकवाए जाने की मांग की.
मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई. सुनवाई में पुलिस विभाग द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य को अवैधानिक बताते हुए स्टे देने की मांग की गई थी. कमेटी के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान कहा था कि पुलिस विभाग द्वारा काफी तेजी से निर्माण करवाया जा रहा है, जिसे रोके जाने की आवश्यकता है. पूर्व में हुई सुनवाई में 24 जनवरी को बिलासपुर कलेक्टर से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट के साथ शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए गए थे. इसके साथ ही बिलासपुर कलेक्टर को पर्सनली इस मामले को देखने के लिए अदालत ने निर्देशित किया था. सुनवाई के दौरान शासन के अधिवक्ता ने बताया कि बिलासपुर कलेक्टर ने पुलिस विभाग और याचिकाकर्ता पक्ष की ज्वाइंट मीटिंग बुलाई थी, जिसमें दोनों पक्षों को कलेक्टर ने विस्तार पूर्वक सुना है.