CG Local Body Election: इस गांव में 50 साल से पंचायत चुनाव में नहीं हुई वोटिंग, निर्विरोध चुने जाते है पंच-सरपंच
रनई गांव के लोग
CG Local Body Election: छत्तीसगढ़ में एक ऐसा ग्राम पंचायत है जहां पिछले 50 सालों से अब तक निर्वाचन प्रक्रिया में वोटिंग की नौबत ही नहीं आई है यहां लगातार निर्विरोध पंच सरपंच चुने जा रहे हैं लेकिन इस बार खास यह है कि यहां पर जितने भी पंचायत पदाधिकारी चुने गए हैं सभी महिलाएं हैं. सरपंच से लेकर पंच तक सभी महिला पदाधिकारी है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ग्राम पंचायत के एक जमीदार परिवार को माना जाता है और आज भी गांव में जमीदार परिवार का ही फैसला चलता है, लेकिन यह फैसला गांव वालो के साथ बैठक कर लिया जाता है.
रनई गांव 50 साल से पंचायत चुनाव में नहीं हुई वोटिंग
छत्तीसगढ़ में इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चल रहा है लेकिन कोरिया जिले के रहने गांव में चुनाव का बिल्कुल भी माहौल नहीं है यहां कोई प्रतिस्पर्धा देखने को नहीं मिल रही है ऐसा इसलिए क्योंकि गांव में जमींदार परिवार से ताल्लुक़ात रखने वाले योगेश शुक्ला की बात आज भी पूरा गांव मानता है इसीलिए योगेश शुक्ला के नेतृत्व में पिछले 50 सालों से निर्विरोध चुनाव होता रहा है.
निर्विरोध चुने जाते है पंच-सरपंच
इस बार भी गांव वालों ने निर्विरोध पंचायत पदाधिकारी चुन लिया है इसके लिए गांव में सबसे पहले बैठक हुई और तय किया गया कि आखिर किस वार्ड से पांच पद के लिए कौन नामांकन फार्म जमा करेगा और सरपंच के लिए कौन नामांकन जमा करेगा यह सब कुछ तय होने के बाद एक-एक उम्मीदवारों ने ही नामांकन दाखिल किया इसके बाद सभी निर्विरोध चुन लिए गए.
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रनई गांव में जर्जर भवन समेत कई समस्या
पंचायत में लगातार निर्विरोध चुनाव होने की वजह से चुने गए पदाधिकारी खुश नजर आ रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी बात है कि आज भी ग्राम पंचायत का पंचायत भवन इतना जर्जर है कि पंचायत की बैठक जमीदार के घर पर हो रहा है वहीं दूसरी तरफ पंचायत का तेजी से विकास हो इस दिशा में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पहल नहीं किया है जबकि सरकार का लाखों रुपए निर्विरोध चुनाव के माध्यम से पंचायत के लोग बचा चुके हैं.
जानिए क्यों नहीं होता मतदान
रनई ग्राम पंचायत में 2000 से अधिक की जनसंख्या है. 50 सालों से रनई ग्राम पंचायत में पंचायत चुनाव में मतदान नहीं हुआ है. पंचायत में 15 वार्ड हैं, सभी पंच सरपंच महिला उम्मीदवार चुने गए हैं और सभी एक साथ ही नामांकन दाखिल किये, इतना ही नहीं गांव वालो ने अभी से उप सरपंच तय कर लिया है. योगेश शुक्ला के पिता कोरिया राज परिवार में जमींदार थे और पांच पंचायत उनके क्षेत्र में आता था.
सबसे बड़ी बात है कि यहां पर पंच और सरपंच बनने के लिए दावेदार तो कई होते हैं लेकिन उन्हें पंचायत में बैठक कर अगली बार चुनाव लड़ने के लिए वेटिंग लिस्ट में रखा जाता है और फिर उन्हें 5 साल बाद सरपंच और पंच बनाया जाता है छत्तीसगढ़ का यह अनोखा पंचायत है जहां गांव के लोगों के बीच इतना अधिक सामंजस्य देखने को मिल रहा है, कुल मिलाकर ऐसे ग्राम पंचायत के विकास के लिए सरकार को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है ताकि पंचायत का पूर्ण विकास हो सके.