CG Nikay Chunav: बिलासपुर नगर निगम OBC के लिए आरक्षित, BJP-कांग्रेस में कांटे की टक्कर, इन नामों पर लग सकती है मुहर

CG Nikay Chunav: बिलासपुर में मेयर की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है. BJP और कांग्रेस दोनों ही दल प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन कर रहे हैं. व
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बिलासपुर निगम चुनाव

CG Nikay Chunav: बिलासपुर में मेयर की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है. BJP और कांग्रेस दोनों ही दल प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन कर रहे हैं. वहीं बिलासपुर नगर निगम को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशी कौन हो सकते हैं, यहां कितने वोटर हैं और क्या समीकरण बन रहे हैं.

बीजेपी-कांग्रेस में काटें की टक्कर

बिलासपुर में भारतीय जनता पार्टी से डिप्टी सीएम अरुण साव और कद्दावर नेता अमर अग्रवाल के करीबियों को मेयर प्रत्याशी चुनने की बात सामने आ रही है. वहीं कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सक्रिय है, और बताया जा रहा है कि इनके समर्थक मेयर प्रत्याशी बन सकते हैं.

बीजेपी में मेयर के लिए इनके नामों पर चर्चा

बिलासपुर में भारतीय जनता पार्टी से ओबीसी वर्ग के जिन चार नाम की चर्चा है, उनमें सबसे पहला नाम पूजा विधानी का सामने आया है. पूजा नेता प्रतिपक्ष अशोक वैधानिक पत्नी है और अमर अग्रवाल के काफी करीब. दूसरा नाम विजय ताम्रकार का है. इसी तरह तीसरा नाम पूर्व मेयर किशोर राय और रामदेव कुमावत भी इसके प्रत्याशी बताई जा रहे हैं. रामदेव कुमावत बीजेपी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके कारण ही उन्हें भी उनकी दावेदारी का प्रमुख किरदार बताया जा रहा है.

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कांग्रेस में इनकी इन नेताओं के नाम आ रहे सामने

कांग्रेस की बात करें तो सबसे पहला नाम मेयर पद के लिए प्रमोद नायक बताए जा रहे हैं. प्रमोद नायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफी करीब रहे हैं और उनकी भाभी महिला आयोग अध्यक्ष की किरण मई नायक है. जिसके कारण ही उनकी प्रबल दावेदारी यहीं से बताई जा रही है. इसके अलावा महापौर रामशरण यादव और संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता त्रिलोक श्रीवास ने भी इसके लिए फार्म जमा कर दिया है. कुल मिलाकर कांग्रेस इन तीन चेहरों पर ही महापौर के लिए केंद्रित दिख रही है, हालांकि चयन बीजेपी के बड़े नेताओं और कांग्रेस संगठन को करना है इसलिए कुछ दिनों के भीतर यानी 26 जनवरी से पहले उनके नाम की घोषणा हो सकती है.

बिलासपुर में ओबीसी सीट क्यों?

बिलासपुर में 4.99 लाख वोटर है। इनमें 50% ओबीसी वर्ग के लोग हैं. बिलासपुर के 70 वार्डों की बात करें, तो यह चुनाव सामाजिक फैक्टर पर प्रभाव डाल सकता है. इसलिए ही ओबीसी वर्ग को महापौर पद के लिए आरक्षित किया गया है.

1995 के चुनाव में पहली बार आरक्षण सिस्टम

बिलासपुर में 1995 में आरक्षण सिस्टम लागू हुआ था तब पहली बार सामान्य पद से राजेश पांडे बिलासपुर के महापौर बने थे. इसके बाद 1999 के चुनाव में ओबीसी वर्ग, साल 2009 में महिला के लिए आरक्षित किया गया. साल 2014 में ओबीसी वर्ग को मौका मिला तब किशोर राय मेयर बने थे. ओबीसी वर्ग की बात करें तो अब तक चार में और बिलासपुर को इस वर्ग के मिल चुके हैं जिनमें उमा शंकर जायसवाल, विनोद सोनी किशोर राय और रामशरण यादव के नाम शामिल हैं.

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