Chhattisgarh: CM साय ने दो दिवसीय ‘छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव‘ का किया शुभारंभ, बोले- पर्यावरण संरक्षण के लिए रणनीति बनाकर करना होगा काम
Chhattisgarh News: सीएम विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में दो दिवसीय “छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024” को संबोधित किया. उन्होंने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए बड़ी समस्या है. जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के कारण अनियमित वर्षा, लंबे समय तक सूखा, चक्रवाती वर्षा, वर्षा ऋतु के समय में परिवर्तन जैसी चुनौतियां देश प्रदेश और पूरी दुनिया में है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए रणनीति बनाकर करना होगा काम – CM
सीएम ने “छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024″ के आयोजन के लिए प्रदेश के वन विभाग और छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के अधिकारियों-कर्मचारियों बधाई दी. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में प्रदेश की भूमिका और भविष्य की कार्य योजनाओं के लिए यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगा. देश भर से इस कॉन्क्लेव में शामिल होने आए विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों ने जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों और इसके प्रतिकूल प्रभावों के बारे महत्वपूर्ण जानकारियां और अनुभव साझा किए जाएंगे. उनके विचार-विमर्श से निकले निष्कर्ष छत्तीसगढ़ और देश के लिए उपयोगी साबित होंगे.
उन्होंने कॉन्क्लेव में शामिल सभी अतिथियों का स्वागत किया. सीएम ने कहा हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ज्यादा सुख-सुविधाओं की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे असंतुलन की स्थिति बनती है. वहीं जलवायु परिवर्तन की चुनौती के समाधान के उपायों के संबंध में वर्ष 2015 में पेरिस समझौता किया गया था. जिसमें 196 देश शामिल हैं और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
वहीं सीएम ने ‘‘छत्तीसगढ़ स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज” और एक्शन प्लान की मॉनिटरिंग के लिए डेस बोर्ड, बस्तर में ट्रेडिशनल हेल्थ प्रेक्टिसेस पर केन्द्रित पुस्तक ‘‘एन्शिएंट विसडम” और बॉयोडायवर्सिटी इन कांगेर वैली पुस्तक का विमोचन किया. इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया.
प्रकृति को बचाने के लिए सभी अपनी भूमिका ईमानदारी के साथ निभाएं – मंत्री केदार कश्यप
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए सभी अपनी भूमिका ईमानदारी के साथ निभाएं. जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए सबके सहयोग से काम करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि हमारी जनजातियां प्रकृति को काफी नजदीक से समझती हैं. अंडमान निकोबार की जारवा जनजाति के लोग सैलाब या भूकंप आने के पहले जान जाते हैं और पहाड़ों पर चले जाते हैं. प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, विधायक व पद्मश्री से सम्मानित अनुज शर्मा, पद्मश्री फूलबासन यादव, पद्मश्री हेमचंद मांझी और पद्मश्री जागेश्वर यादव, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव सहित वरिष्ठ अधिकारी, जनजाति समुदायों के प्रतिनिधि, वैद्यराज इस अवसर पर उपस्थित थे. इस कॉन्क्लेव में 15 राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.