Chhattisgarh News: बीमारी छिपाकर की शादी, हाईकोर्ट ने कहा- यह क्रूरता और महिला के साथ यातना जैसा
Chhattisgarh News: बिलासपुर में मिर्गी की बीमारी को छिपाकर महिला से शादी करने के मामले पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यह क्रूरता की श्रेणी में आता है. जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने कहां है, कि यह निश्चित रूप से महिला की जीवन में यातना जैसा है.
हाईकोर्ट ने महिला की याचिका पर विवाह विच्छेद की डिक्री को मंजूर कर उसे स्त्री धन पाने का हकदार माना है. और दहेज में दिए गए साढ़े सात लाख रुपए को लौटाने का निर्देश दिया है. बिलासपुर से लगे गौरेला पेंड्रा मरवाही की महिला ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि उसका विवाह 28 जून 2020 को जांजगीर नवागढ़ में अनुराग के साथ तय हुआ. शादी के बीच में ही अनुराग को मिर्गी के दौरे पड़ने लगे थे. शादी के दौरान ही इस बात पर महिला ने आपत्ति जताई थी, लेकिन बाराती नशे में थे और किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे, इसलिए उसकी जबरन शादी करवा दी गई. शादी के बाद उसे प्रताड़ित करने की परंपरा शुरू हुई. महिला का मोबाइल छीन लिया गया. उसे मायका नहीं आने दिया जाता था, और रक्षाबंधन में भी उसे मायका नहीं आने दिया गया. इसके बाद त्रस्त होकर उसने अपनी सारी समस्या अपने घर वालों को बताई.
हाईकोर्ट ने किया सुलह का प्रयास
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पति-पत्नी के बीच सुलह करवाने का प्रयास किया, लेकिन यह नाकाम रहा. महिला ने गुजारा भत्ता के तौर पर साढ़े सात लाख रुपए की मांग की और स्त्री धन मांगा जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है.
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पति ने आरोप को बताया गलत
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पति ने पत्नी के सारे आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि उसे मायका आने-जाने दिया जाता था .स्मार्टफोन भी दिया गया था और उसके सारे आरोपों को पति ने कोर्ट में गलत ठहराया है.