Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भटक गई कांग्रेस! राहुल की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लगाएगी नैया पार?
Lok Sabha Election 2024: बीजेपी के भगवा दल के सामने क्या राहुल गांधी की ट्रेन लोकसभा चुनाव की पटरी पर उलटी दिशा में दौड़ रही है? ये सवाल देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. आखिर कांग्रेस कहां भटक गई है? क्योंकि देश में पहली बार लोकसभा चुनाव में पार्टियों के बीच बिना मुद्दों के फाइट होती दिख रही है. दरअसल, बीजेपी ‘राम-राम’ जपते हुए चुनावी मैदान में जुट रही है. वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार हार रहे राहुल गांधी के पदयात्रा के भरोसे है. कांग्रेस ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ करने जा रही है. यानी दोनों ही पार्टियों ने चुनावी लकीर खींच दी है. लेकिन जनता किसपर भरोसा करेगी?
लोकसभा चुनाव के पहले क्या है कांग्रेस-बीजेपी का समीकरण?
दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इसको लेकर देशभर में गजब का माहौल है. कुछ लोग मोदी सरकार की हैट्रिक का दावा कर रहे हैं. इसके पीछे राम मंदिर का मुद्दा आधार है. बीजेपी का दावा है कि 500 साल की तपस्या के बाद रामलला आने वाले हैं. इस समारोह को भव्य बनाने के लिए बीजेपी शासित राज्यों में बड़ी तैयारी चल रही हैं. बीजेपी शासित राज्य छत्तीसगढ़ यानी भगवान राम के ननिहाल में भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खासा उत्साह दिख रहा है. हर साल 20 हजार लोगों को रामलला के दर्शन कराने के योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत यात्रियों के आने जाने का पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
रामलला में आस्था रखने वाले वोट बैंक पर बीजेपी की नजर
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी की कितनी बड़ी प्लानिंग है. क्योंकि वोटरों को साधने का कोई मौका बीजेपी नहीं छोड़ना चाहती है. बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों ने तो ये मान भी लिया है कि अयोध्या के राम मंदिर के प्रति गहरी आस्था रखने वाले बीजेपी के पक्ष में चले जाएंगे. लेकिन कांग्रेस ने इस बड़े आयोजन से अपने को दूर रखने का फैसला किया है और साथ ही वह अपने पुराने मुद्दो के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. अब देखना होगा कि कांग्रेस की ये चाल कितनी कारगर होती है.
क्या है कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में मुद्दा?
2023 में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ओबीसी कार्ड खेलते हुए नजर आ रही थी. राहुल चुनावी मंच पर जातिगत जनगणना को लेकर वादे कर रहे थे. इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में राफेल और अडानी के मामले को लेकर कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरी, लेकिन ये मुद्दा नाकाफी साबित हुआ. वहीं 2023 में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर भारत को दो हिस्से में तोड़ने का आरोप लगाया और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की. इसका फायदा दक्षिण भारत में हुआ. लेकिन साल के आखिर में हुए विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी वाले राज्यो में कांग्रेस की बनी बनाई सरकार भी चली गई.
राहुल गांधी की न्याय यात्रा लगाएगी नैया पार?
कांग्रेस अब 2024 लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर रही है. इसमें राहुल गांधी 14 जनवरी 2024 को मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा शुरू कर चुके हैं. न्याय यात्रा 67 दिनों में 110 जिलों से गुजरते हुये 6700 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करेगी. पूर्वी भारत से पश्चिम भारत तक ये यात्रा होगी. सभी राज्यों के लोकसभा सीटों के हिसाब से यात्रा का रोडमैप तैयार किया गया है. कांग्रेस इस यात्रा के जरिए शिक्षा, रोजगार, क्षेत्र, धर्म और सांप्रदायिकता जैसे मामलों साथ चुनावी मैदान में उतर रही है. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि ये यात्रा राजनीतिक नहीं है.
राहुल गांधी की ट्रेन उल्टी दिशा में चल रही है?
हाल ही में हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 2 राज्यों से अपनी सरकार गंवानी पड़ी है. बीजेपी ने 3 राज्यों में प्रचंड जीत दर्ज की है. इसके बाद बीजेपी का उत्साह बढ़ा हुआ है. कर्नाटक-हिमाचल के अलावा, हाल-फिलहाल कांग्रेस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है. लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी ने पूरी ताकत झोंकी, लेकिन बीजेपी के आगे कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए. ऐसे में 2024 के चुनाव से पहले राहुल गांधी पदयात्रा पर निकल पड़े हैं, जबकि पूरे देश में बीजेपी राम मंदिर के बहाने अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राहुल और कांग्रेस की पदयात्रा वाली रणनीति बीजेपी को और ज्यादा पॉलिटिकल स्पेस दे सकती है.