नक्सलियों का ‘इंजीनियर’ 5 करोड़ का इनामी बसवराजू ढेर, बम बनाने और एंबुश का था एक्सपर्ट

कौन है नक्सली लीडर बसवराजू?
Narayanpur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में 21 मई की सुबह बहुत बड़ी नक्सली मुठभेड़ हो गई है. सुबह से DRG के संयुक्त बलों के जवानों और नक्सलियों के बीच जाटलूर इलाके में रुक-रुक कर मुठभेड़ जारी है. इस मुठभेड़ में नक्सलियों का ‘इंजीनियर’ बसवराजू के ढेर हो गया है. बसवराजू बम बनाने और एंबुश लगाने का एक्सपर्ट था. बसवराजू के ढेर होने की पुष्टि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने X पर की है.
कौन है नक्सलियों का ‘इंजीनियर’ बसवराजू?
नक्सली लीडर बसवराजू का असली नाम नंबाल्ला केशव राव है. वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम का रहने वाला था. बसवराजू नक्सलियों में पहले नंबर का अधिकारी था. उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वह बम बनाने और एंबुश लगाने का एक्सपर्ट था. बसवराजू ने रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से बीटेक किया था. वह हमेशा अपने साथ एके 47 रायफल रखता था.
अमित शाह ने की बसवराजू के ढेर होने की पुष्टि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सली लीडर बसवराजू के ढेर होने की पुष्टी की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा-‘नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि. आज छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऑपरेशन में हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें सीपीआई-माओवादी के महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल है. नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि हमारे बलों ने एक महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया है. मैं इस बड़ी सफलता के लिए हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करता हूं.’
उन्होंने आगे लिखा-‘यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के पूरा होने के बाद, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है.’
बसवराजू की तस्वीर आई सामने
नक्सली लीडर बसवराजू के ढेर होने के बाद पहली तस्वीर सामने आई है. देखें तस्वीर-
लिट्टे से ली थी ट्रेनिंग
इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक बसवराजू 71 साल का था. उसने 1987 में बस्तर के जंगल में लगे लिट्टे के कैंप में ट्रेनिंग ली थी. उसे प्रकाश, कृष्णा, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा नामों से भी जाना जाता है.
5 करोड़ का था इनाम
बसवराजू 5 राज्यों में सक्रिय था. वह छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के इलाकों में सक्रिय था. उसके ऊपर इन सभी पांचों राज्यों की ओर से अलग-अलग इनाम की घोषणा की गई थी. सभी राज्यों को मिलाकर उसके ऊपर करीब 5 करोड़ रुपए का इनाम था.
25 साल नक्सल संगठन का रहा महासचिव
बसवराजू नक्सली संगठन में अलग-अलग पदों पर रहा. 25 साल तक नक्सल संगठन के महासचिव रहे गणपति की जगह उसे महासचिव बनाया गया था. वहीं, लंबे समय तक उसके पास सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की कमान भी थी.
NIA का मोस्ट वांटेड था बसवराजू
बसवराजू NIA की मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल था. जानकारी के मुताबिक NIA ने भी उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम रखा था. इसके अलावा अलग-अलग राज्य सरकारों ने भी इनाम घोषित किए हुए थे.
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