“क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा…”, जंतर मंतर से केजरीवाल ने RSS चीफ मोहन भागवत से पूछे 5 सवाल

अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में अन्ना आंदोलन की याद दिलाई, जो 4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि तब की सरकार ने चुनौती दी थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और जीत भी दर्ज की.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

Delhi Politics: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में जंतर मंतर पर ‘जनता की अदालत’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा. केजरीवाल ने अपने भाषण में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी निशाने पर लेते हुए 5 महत्वपूर्ण सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सीबीआई और ईडी का डर दिखाकर विपक्षी सरकारों को गिरा रहे हैं और पूछा कि क्या आरएसएस इससे सहमत है?

मोहन भागवत से केजरीवाल के 5 बड़े सवाल

  1. क्या आरएसएस इस बात से सहमत है कि मोदी जी सीबीआई और ईडी के जरिए सरकारें गिरा रहे हैं?
  2. मोदी जी ने सबसे भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल किया, क्या आरएसएस इसे सही मानता है?
  3. क्या बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयानों से आरएसएस आहत हुआ है?
  4. क्या 75 साल की उम्र की सीमा का नियम मोदी जी पर भी लागू होगा?
  5. बीजेपी आरएसएस की कोख से जन्मी है, क्या बेटा आज इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा?

ईमानदारी से चुनाव लड़ने का दावा

अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में अन्ना आंदोलन की याद दिलाई, जो 4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि तब की सरकार ने चुनौती दी थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और जीत भी दर्ज की. केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, और बेहतरीन स्कूल और अस्पताल बनाए.

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शराब नीति घोटाला और जनता की अदालत

दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में खुद पर लगे आरोपों का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जनता के पैसे में कभी गड़बड़ी नहीं की. अगर वे बेईमान होते, तो तीन हजार करोड़ रुपये का फायदा उठाकर जनता के लिए मुफ्त बिजली और बस सेवाएं बंद कर देते. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अब जनता की अदालत में अपनी सच्चाई रख रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि वे इस मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए जनता के बीच आए हैं.

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