सीएम Arvind Kejriwal को कोर्ट से लगा तगड़ा झटका, 19 जून तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किए गए अरविंद केजरीवाल को 19 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वकील विवेक जैन ने अदालत को बताया कि उनके वजन में कुछ बदलाव हुए हैं.
Arvind Kejriwal

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

Delhi Liquor Scam: राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी जमानत याचिकाओं पर अदालत ने पिछले सप्ताह फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने संबंधित अधिकारियों को आम आदमी पार्टी प्रमुख के लिए आवश्यक मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश दिया है. अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत भी 19 जून तक बढ़ा दी है. राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने चिकित्सा आधार पर 7 दिनों की अंतरिम जमानत मांगने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए केजरीवाल

तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किए गए अरविंद केजरीवाल को 19 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वकील विवेक जैन ने अदालत को बताया कि उनके वजन में कुछ बदलाव हुए हैं. पिछले सप्ताह अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से जमानत खारिज होने के बाद गुरुवार (30 मई) को दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया था.

यह भी पढ़ें: केरल में पहली बार कमल, 7 राज्यों में क्लीन स्वीप…ऐसे बहुमत के पार पहुंचा NDA

अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

बता दें कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी और उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. 29 मई को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन बढ़ाने की याचिका को खारिज कर दिया था, ताकि वे कुछ मेडिकल परीक्षण करा सकें. शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने यह कहते हुए आवेदन स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि चूंकि केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी गई है, इसलिए जमानत अवधि बढ़ाने की मांग वाली याचिका विचारणीय नहीं है.

ज़रूर पढ़ें