“दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की हो रही है साजिश…” , केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

आतिशी ने कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्तियों के बावजूद दिल्ली में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग कई महीनों से स्थिर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि निराधार मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के एक जानबूझकर किए गए प्रयास को दर्शाती है.
आतिशी मार्लेना

आतिशी मार्लेना

Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाला मामले में गिरफ्तारी के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में राजनीति चरम पर है. आप के मंत्री लगातार केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रचने का आरोप लगा रही है. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी इकट्ठा की है जो अरविंद केजरीवाल सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से चल रही राजनीतिक साजिश का संकेत देती है.

आतिशी ने कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्तियों के बावजूद दिल्ली में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग कई महीनों से स्थिर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि निराधार मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के एक जानबूझकर किए गए प्रयास को दर्शाती है. आतिशी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी साजिश का संकेत देती है.

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन पर क्या बोली बीजेपी?

बीजेपी ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि AAP रोज नई कहानियां गढ़ती है. भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने के आप के दावों का खंडन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सितंबर के बाद से लेफ्टिनेंट जनरल से मुलाकात नहीं की है. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के बाद निशाना साधा है. ईडी ने पिछले महीने के अंत में बंद हो चुकी दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था.

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खुदरा शराब नीति के तहत थोक-खुदरा व्यापारियों को पहुंचाया गया लाभ!

ईडी के मामले के अनुसार, दिल्ली शराब नीति 2021-22 में थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत का असामान्य रूप से लाभ मार्जिन की पेशकश की गई थी. दिल्ली शराब नीति मामले की जांच में मुख्य रूप से बिचौलियों, व्यापारियों और राजनेताओं से जुड़े एक कथित नेटवर्क को टारगेट किया गया. बाद में इसी को ईडी ने साउथ ग्रुप करार दिया.

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