केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने की मिले अनुमति, दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की गई PIL, की गई ये डिमांड
Delhi Liquor Scam: शराब नीति मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने की अनुमति देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. पेशे से वकील श्रीकांत प्रसाद द्वारा दायर याचिका में केजरीवाल के लिए वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैबिनेट मंत्रियों के साथ बातचीत करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की मांग की गई है.
अदालत से की गई ये मांग
याचिका में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित कथित भ्रामक, सनसनीखेज हेडलाइन को प्रसारित करने से मीडिया को रोकने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. अपनी याचिका में श्रीकांत प्रसाद ने कहा कि न तो भारत का संविधान और न ही कोई कानून मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री सहित किसी भी मंत्री को न्यायिक हिरासत में रहकर जेल परिसर से सरकार चलाने से रोकता है.
याचिका में श्रीकांत प्रसाद ने कहा कि उन गरीबों वंचितों की ओर से अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं जो दिल्ली सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानते. उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि केजरीवाल राजनीतिक दुर्भावना की वजह से जेल में हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मामले में देश में सबसे अच्छा काम किया है, इसलिए जेल से सरकार चलाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है.
क्या जेल से सरकार चलाते रहेंगे केजरीवाल?
दिल्ली की कथित शराब घोटाला मामले में सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से सरकार जेल से ही चल रही है. अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने बताया है कि अगले हफ्ते से केजरीवाल जेल में ही दो मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और कामकाज का लेखा-जोखा लेंगे. दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का नाम विजिटर लिस्ट में जोड़ लिया गया है. ये तीनों हफ्ते में दो बार केजरीवाल से मुलाकात कर सकते हैं. हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के निर्देश देने की मांग वाली तीन जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया.
याचिकाकर्ता के ऊपर अदालत ने लगाया जुर्माना
दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया और कहा, “सिस्टम का मजाक उड़ाना बंद करें. ऐसी याचिकाओं पर अंकुश लगाने का एकमात्र तरीका लागत है.” यह याचिका आम आदमी पार्टी के ही पूर्व विधायक संदीप कुमार ने दायर की थी. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने याचिकाकर्ता पर नाराजगी दिखाई और कहा कि इस पर राज्यपाल फैसला लेंगे. न्यायमूर्ति ने कहा, “हम ऐसा नहीं करेंगे. अदालत में राजनीतिक भाषण न दें. आप हमें राजनीतिक जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.”
आम आदमी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है.याचिका में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ वारंट जारी करने का दावा किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने उत्पाद शुल्क नीति में जैसे ही उन्हें गिरफ्तार किया उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभालने में असमर्थ हो गए हैं.
बता दें कि दिल्ली के सीएम को शराब नीति घोटाला मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. ट्रायल कोर्ट ने 15 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल, 2024 तक बढ़ा दी थी. ईडी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) कथित शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी है.