Independence Day: न आतिशी और न ही गोपाल…LG ने झंडा फहराने के लिए दिल्ली के इस मंत्री को चुना
Independence Day: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए चुना है. इससे पहले आप सरकार और एलजी के बीच झंडातोलन को लेकर तकरार हुआ था. आतिशी ने कहा था कि केजरीवाल जी ने अपने पत्र में मुझे झंडा फहराने के लिए चुना, लेकिन दिल्ली में नया वायसराय आया है, जों तिरंगा फहराने से रोकने की कोशिश में है.
वहीं एलजी के सचिव आशीष कुंद्रा ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक लिखित संदेश में कहा, “उपराज्यपाल छत्रसाल स्टेडियम में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित करते हुए प्रसन्न हैं. तदनुसार आवश्यक व्यवस्था की जा सकती है.”
AAP और LG के बीच टकराव
बता दें कि आतिशी सहित दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने के फैसले से AAP और एलजी सचिवालय के बीच एक और टकराव की आशंका है. आप ने दावा किया कि जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘चाहते हैं’ कि उनकी अनुपस्थिति में आतिशी तिरंगा फहराएं, जबकि एलजी कार्यालय ने कहा है कि न्यायिक हिरासत में बंद केजरीवाल की ओर से कोई पत्र नहीं मिला है. यहां तक कि GAD ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी ओर से मंत्री आतिशी को ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं कर सकते.
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तुच्छ राजनीति की जा रही है-मनीष सिसोदिया
पिछले सप्ताह LG को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि कैबिनेट मंत्री आतिशी दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान उनकी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी. इस बीच, तिहाड़ जेल अधिकारियों ने केजरीवाल को सूचित किया कि सक्सेना को लिखा गया उनका पत्र दिल्ली जेल नियमों के तहत उन्हें दिए गए विशेषाधिकारों का दुरुपयोग है और इसलिए इसे संबोधित व्यक्ति को नहीं भेजा गया. इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर हमला किया और कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्णहै कि स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर ऐसी तुच्छ राजनीति की जा रही है.
सिसोदिया ने कहा, “मैंने अखबारों में पढ़ा है कि जब ठग सुकेश पत्र लिखता है तो तिहाड़ प्रशासन उसे एलजी कार्यालय को सौंप देता है. एलजी भी उस पर तुरंत कार्रवाई करते हैं. लेकिन, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री पत्र लिखते हैं तो एलजी तिहाड़ के अधिकारियों से कहते हैं कि वे उन्हें न भेजें.” अरविंद केजरीवाल के पूर्व डिप्टी ने कहा, “चुनी हुई सरकार या किसी भी मंत्री को झंडा फहराना चाहिए. मुझे इसमें कोई कठिनाई नहीं दिखती.”