“राहुल गांधी ने दिया था टिकट का ऑफर, लेकिन BJP…”, केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे प्रवेश वर्मा का सनसनीखेज खुलासा

प्रवेश वर्मा ने यह भी कहा कि अगर उन्हें केवल चुनावी टिकट की लालसा होती, तो वह कांग्रेस में शामिल हो जाते. लेकिन उनके लिए उनके संस्कार और भाजपा के सिद्धांत अधिक महत्वपूर्ण थे, इसलिए उन्होंने इस प्रस्ताव को नकारा.
Pravesh Verma

बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच एक नया राजनीतिक खुलासा सामने आया है. बीजेपी के नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में यह दावा किया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उन्हें चुनावी टिकट का ऑफर दिया था. यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है.

कांग्रेस के ऑफर को वर्मा ने क्यों ठुकराया?

प्रवेश वर्मा ने बताया कि 2008-2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, और इस बीच राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए ऑफर दिया. वर्मा ने कहा, “राहुल गांधी ने मुझसे कहा था कि आप हमारे साथ आ सकते हैं, हम आपको टिकट देंगे और मंत्री भी बना सकते हैं.” हालांकि, इस प्रस्ताव को वर्मा ने ठुकरा दिया और भाजपा में ही रहने का निर्णय लिया. उनका कहना था कि वह भाजपा की विचारधारा और सिद्धांतों से जुड़े हुए हैं, और उन्हें किसी अन्य पार्टी में जाने का कोई मन नहीं था.

प्रवेश वर्मा ने यह भी कहा कि अगर उन्हें केवल चुनावी टिकट की लालसा होती, तो वह कांग्रेस में शामिल हो जाते. लेकिन उनके लिए उनके संस्कार और भाजपा के सिद्धांत अधिक महत्वपूर्ण थे, इसलिए उन्होंने इस प्रस्ताव को नकारा. इसके अलावा, वर्मा ने अपनी पृष्ठभूमि का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पिता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने राजनीति में रहते हुए कभी व्यक्तिगत लाभ के लिए किसी भव्य निवास का निर्माण नहीं किया. वर्मा ने यह तंज कसा कि अरविंद केजरीवाल 8 बंगले तोड़कर अपना ‘शीशमहल’ बना रहे हैं.

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कैसे राजनीति में आए वर्मा?

प्रवेश वर्मा ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी खुलासा किया. उन्होंने बताया कि वह एक साधारण परिवार से आते हैं, और उनके परिवार में 7 लोग दो कमरे के घर में रहते थे. उनके पिता ने एक कमरे को दफ्तर बना लिया था, जहां लोगों का आना-जाना लगा रहता था. साहिब सिंह वर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद, प्रवेश वर्मा की जिंदगी में बदलाव आया, लेकिन शुरुआत में उनका राजनीति में कोई रुचि नहीं था. उन्होंने कहा, “मेरे पिताजी के निधन के बाद मेरी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं थी. लेकिन जब पार्टी ने मुझे मौका दिया, तो मैं आगे बढ़ता गया.”

वर्मा के अनुसार, साल 2013 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने उन्हें मेहरौली सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा और वहां से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ. इसके बाद, अरुण जेटली ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का अवसर दिया, और धीरे-धीरे वर्मा पार्टी के लिए महत्वपूर्ण नेता बनते गए. अब, 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वर्मा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. वर्मा इनदिनों केजरीवाल एंड टीम पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं.

चुनाव आयोग से वर्मा को राहत

वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच प्रवेश वर्मा को चुनाव आयोग से राहत मिली है. आयोग ने कहा है कि वर्मा के खिलाफ जो आरोप लगाए गए थे, उनमें कोई सच्चाई नहीं पाई गई. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि वर्मा ने वोटरों को पैसे और अन्य वस्तुएं जैसे चादरें, जूते, चश्मे और जैकेट वितरित किए. हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि इन आरोपों को प्रमाणित करने के लिए कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं पेश किए गए हैं, और जांच में कोई नियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया.

आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, लेकिन आयोग की जांच को लेकर पार्टी ने सवाल उठाए हैं. आप का कहना है कि जांच केवल खानापूर्ति के रूप में की गई है, और जिलाधिकारी और SHO दोनों बीजेपी से संबंधित हैं, जिससे निष्पक्ष जांच पर संदेह है. पार्टी ने मांग की है कि इन अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए और निष्पक्ष जांच की जाए.

अब, यह देखना दिलचस्प होगा कि वर्मा का यह बयान और चुनाव आयोग की जांच आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के रुख को किस दिशा में मोड़ती है और दिल्ली चुनाव के परिणामों पर क्या असर डालती है.

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