‘हमारे CM और दो मिनिस्टर जेल में’, पूर्व AAP मंत्री Rajkumar Anand का पत्र आया सामने, लिखा- दिल्ली की जनता के साथ हुआ सबसे बड़ा छल
Rajkumar Anand Resignation: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सियासी समीकरण बदलते हुए दिख रहे हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने गुरुवार को मंत्री पद और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी थी. पत्र में राजकुमार आनंद ने केजरीवाल और उनकी सरकार पर कई सवाल खड़े किए थे. अब यह पत्र सामने आया है.
हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप- राजकुमार आनंद
राजकुमार आनंद ने पत्र में लिखा कि पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ लेकिन आज यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है. हमारे दो-दो मंत्री जेल में हैं, हमारे मुख्यमंत्री जेल में हैं. हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. मैं नहीं समझता कि हमारे पास सरकार में रहने का अब कोई नैतिक बल रह गया है. सबसे बड़ा छल हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता के साथ हुआ है जिन्होंने बड़ी उम्मीद के साथ आम आदमी पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया ताकि दिल्ली से भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके लेकिन सत्ता में आने के बाद यह पार्टी भी भ्रष्टाचार से खुद को बचा नहीं सकी.
राजकुमार आनंद ने लिखा AAP बाबासाहेब के विचारों की विरोधी
राजकुमार आनंद ने अपने इस्तीफे में आगे लिखा कि पार्टी के बड़े नेता भ्रष्टाचार करते हैं और कार्यकर्ता धूप में बैठते हैं. पार्टी का कार्यकर्ता बस भरने की मशीन बन कर रह गया है. मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया. मैं अब इस सरकार और इस भ्रष्टाचार के साथ अपना नाम नहीं जोड़ना चाहता हूं. मंत्री पद छोड़ने की दूसरी वजह यह है कि चार साल. इस पार्टी और सरकार में काम करने के बाद मैंने यह समझा है कि यह पार्टी और यह सरकार दलित, आरक्षण और बाबासाहेब के विचारों की विरोधी है. आज मैं जो कुछ भी हूं, बाबासाहेब की वजह से हूं.
‘दलित आइडंटिटी के साथ सरकार में रहना मुश्किल’
पूर्व AAP मंत्री ने लिखा कि मैं आपके साथ खड़ा हुआ क्योंकि आप बाबासाहेब के आदर्शों पर चलने का दावा करते थे. आपका हर प्रेस कॉन्फ्रेंस बाबासाहेब की तस्वीर के साथ ही होता है. लेकिन सच्चाई कुछ और है. इस पार्टी में दलित पार्षद, विधायक और मंत्री का कोई सम्मान नहीं हैं. पार्टी के अग्रणी नेताओं में कोई दलित नहीं है.इस पार्टी से एक भी दलित राज्यसभा मेम्बर नहीं है. बाबा साहेब की बात करने वाली आपकी सरकार ने इसमें आरक्षण लागू करने की जरूरत नहीं समझी. मेरे लिए एक दलित आइडंटिटी के साथ इस सरकार में रहना बहुत मुश्किल है, इसलिए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं.