अब सामने आएगी ‘शीशमहल’ की सच्चाई! BJP की शिकायत के बाद एक्शन में CVC, क्या लपेटे में आएंगे केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल
Sheesh Mahal Case: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए अब राजनीतिक और कानूनी संकट की घड़ी और गहरी हो गई है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने बीजेपी की शिकायत पर ‘शीशमहल’ मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. केजरीवाल के इस बड़े विवादित मामले की जांच पहले से चल रही थी, लेकिन अब इसमें नए मोड़ आ गए हैं. इस जांच के बाद केजरीवाल पर कानूनी दबाव और बढ़ सकता है.
क्या है ‘शीशमहल’ मामला?
यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी आवास ‘6 फ्लैग स्टाफ बंगला’ के भव्य निर्माण को लेकर बीजेपी के नेता विजेंद्र गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए थे. गुप्ता ने दावा किया था कि इस आलीशान आवास के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया.
उन्होंने कहा था कि इस आवास का निर्माण दिल्ली के राजपुर रोड पर सरकारी संपत्तियों के खिलाफ किया गया और इसका दुरुपयोग किया गया. गुप्ता का आरोप है कि आवास निर्माण में केंद्रीय भवन निर्माण विभाग (CPWD) और दिल्ली सरकार के नियमों का उल्लंघन किया गया है, खासकर ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया अनुपात (FAR) के नियमों का.
बीते दिनों क्या हुआ?
गुप्ता की शिकायत पर सीवीसी ने 14 अक्टूबर 2024 को इस मामले की जांच शुरू की थी. इसके बाद 5 दिसंबर 2024 को विजेंद्र गुप्ता ने सीवीसी को एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उन्होंने और भी आरोप लगाए थे. रिपोर्ट में सीपीडब्ल्यूडी और दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और निर्माण कार्य में धांधली करने का आरोप लगाया गया था.
इसके बाद 13 फरवरी 2025 को सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी से इस मामले में और विस्तृत जांच करने का आदेश दिया. इस जांच में अब एक और नया मोड़ आ गया है, जिससे केजरीवाल सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना और बढ़ गई है.
क्या हो सकती है आगे की कार्रवाई?
इस मामले की जांच के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या सीवीसी के आदेश के बाद कोई कानूनी कार्रवाई होगी? अगर जांच में यह पाया जाता है कि केजरीवाल के आवास निर्माण में कोई गलत काम हुआ है या नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो केजरीवाल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इसके अलावा, यह भी सवाल उठ सकता है कि क्या इस मामले में किसी बड़े राजनीतिक स्कैंडल का रूप ले सकता है और केजरीवाल पर दबाव बढ़ेगा?
इस मामले का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि यह राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील है. केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी ने हमेशा यह दावा किया है कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ है और पारदर्शिता की ओर बढ़ रही है. ऐसे में इस प्रकार के आरोप उन पर और उनकी पार्टी की छवि पर असर डाल सकते हैं.
अब आगे क्या होगा?
अब यह देखना बाकी है कि सीवीसी की जांच के बाद इस मामले में क्या नया खुलासा होता है और इसका केजरीवाल के खिलाफ क्या असर पड़ता है. क्या केजरीवाल के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होगी? या फिर यह मामला जल्द सुलझ जाएगा?
सम्भावनाएं तमाम हैं, और राजनीतिक गलियारों में इस मामले पर बहस तेज हो गई है. केजरीवाल के लिए यह मुश्किल समय हो सकता है, लेकिन आगे क्या होगा, यह अभी कहना मुश्किल है.